जब सास आपमें और देवरानी में भेदभाव करें
ज्यादातर घरों में देखा जाता है कि जब छोटी बहू आती है तो बड़ी बहू के साथ असामान्य व्यवहार किया जाता है I
Discrimination in Relationships: परिवार में हर रिश्तों का अपना महत्व होता है। ससुराल ऐसी जगह है जहाँ रिश्तों का अपना ताना बाना होता है। यहाँ हर एक रिश्ता एक नाजुक डोर से बंधा होता है। सास – बहू, देवर – भाभी, भाभी – ननद और एक रिश्ता होता है, देवरानी – जेठानी का जिसमें प्यार हो अपनापन हो तो घर को दोनों बहनों की तरह स्वर्ग बनाती है। वहीं इस रिश्ते में गलतफहमियां हो तो घर में कलह का माहौल हो जाता है। इन सब में घर में सास की भूमिका मुख्य होती है, अगर वो दोनों बहुओं को बराबर का मान देती है तो दोनों बहुएं भी समझदारी से घर की बागडोर संभालती है। मगर, मुश्किल तब हो जाती है जब सास दोनों बहुओं में भेदभाव शुरू कर देती है, जिससे घर का माहौल खराब हो जाता है, और परिवार में अलगाव की स्थिति आ जाती है।
अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो ज्यादा परेशान मत हो, बल्कि शांति से मुद्दे को समझने की कोशिश करें। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सही-गलत समझ लें I
सास के व्यवहार को समझें

आप घर की बड़ी बहू हैं तो अब तक तो आप अपनी सास को समझ चुकी होंगी I उनकी पसंद नापसंद, उनकी अच्छाइयां – बुराइयां। अगर आपकी सास शुरू से ही आपमें कमियां निकालती हो और देवरानी में खूबियां तो निश्चय ही आप अपनी सास की पसंद से घर में नहीं आयी होंगी। अगर देवरानी उनकी पसंद की होगी तो उसकी कमियों को खूबियां बनाकर प्रस्तुत करेंगी। क्यूंकि आजकल ज्यादातर सास अपनी सत्ता को खोने नहीं देना चाहती । इसलिए “फुट डालो और राजनीति करो” वाला हथियार अपनाती है। कोई भी पढ़ी-लिखी, समझदार सास अपनी बहुओं में भेदभाव नहीं कर सकती। दूसरी बात, जैसे नई चीजों को लोग थोड़ा ध्यान ज्यादा देते हैं, उनकी केयर करते हैं, वैसे ही नए लोगों को भी जरूरत होती है। इसलिए ज्यादा परेशान ना हो और बुरा ना मानें। थोड़ा वक़्त दे।
देवरानी से संबंध मधुर रखें

भले ही आपके साथ आपकी सास के व्यवहार खराब हो, लेकिन आप अपनी सास के नक्शे कदम पर मत चलिए। आप बड़ी है आप अपनी सास की वजह से देवरानी से संबंध खराब ना करें। उनको प्यार दें।
अगर देवरानी भी सास के बहकावे पर चलकर अपना जमाने के लिए आपसे दुर्व्यवहार करती है, तो परिवार के लोगों से बात करें।
सास से बात करें

आप घर में बड़ी बहू हैं और आपने अपने कर्तव्य अच्छे से परिवार के लिए निभाएं है। फिर भी आपके साथ भेदभाव हो रहा है तो चुप ना रहें बल्कि अपनी सास से बात करें। आप उन्हें समझाएं कि आप अपने साथ ये भेदभाव बर्दास्त नहीं कर पाएंगी क्योंकि कभी कभी सास बड़ी बहू से कर्तव्य तो पूरे कर लेती हैं, लेकिन सारे अधिकार अपनी छोटी बहू को दे देती है। इसलिए अपनी सास से खुलकर बात कर लें कि आप इस तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगी। जो मेरे हक है मेरे अधिकार है आप मुझसे छीन नहीं सकती। अगर आप मेरे साथ ऐसा व्यवहार करती हैं, तो भविष्य में मुझसे कोई कर्तव्य की आशा ना रखें। शायद आपकी सास आपकी बात को समझ सके और गलतियों में सुधार करे।
अपने महत्व का एहसास कराएँ

अगर फिर भी सास का रवैया नहीं बदल रहा तो हो सकता है अलगाव की स्थिति भी बनें। परिवार में कलह का माहौल बना रहे इससे अच्छा है अलग हो जाएं। हो सकता है आपके अलग हो जाने से दूर हो जाने से सास आपके महत्व को समझे। इसलिए निर्णय सोच समझकर लें। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में घुटन पैदा होती है, लोग अपना भी नुकसान कर लेते हैं, कई बार गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ जाता है।
भेदभाव की स्थिति मानसिक कुंठा को जन्म देती है। भेदभाव आपके साथ हो रहा है तो अपनी भावनाओं का ख्याल रखे और सोच समझकर निर्णय लें ताकि रिश्तों में दूरियों के बावजूद भी आपका ‘वजूद’ बना रहे।