बच्चों को ताना देना हो सकता है खतरनाक
कई बार माता पिता बच्चों पर दबाव बनाने के लिए या उनके कुछ बुरा करने पर ताना देते रहते हैं। ताना देने की वजह से बच्चों पर शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है।
Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करना कोई बच्चों का खेल नहीं होता। इनकी परवरिश में मां बाप के पसीने छूट जाते हैं। बच्चे हम से वही सीखते हैं जो वो हमें करते देखते हैं। बच्चों का पहला स्कूल उसका घर ही होता है, जहां वो जिंदगी जीने के तरीके सीखते हैं। और जो वो सीखते हैं वही व्यवहार बाहर जाकर करते हैं। इसलिए माता पिता ही अपनी संतान के पहले शिक्षक होते हैं।
कई बार माता पिता बच्चों पर दबाव बनाने के लिए या उनके कुछ बुरा करने पर ताना देते रहते हैं। ताना देने की वजह से बच्चों पर शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है। जिससे बच्चों के अंदर कुंठा, डर, हकलाहट या फिर झूठ बोलने जैसे लक्षण आ जाते हैं। जिससे बच्चा हर चीज में पिछड़ जाता है।
आप भी बात-बात पर बच्चों को ताना देने वाले पैरेंट हैं, तो ये आदत आपके बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए अभी तुरंत अपनी आदत में बदलाव लाना आवश्यक है क्योंकि इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
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बच्चे भी हो जाते हैं टेंशन के शिकार

बार बार ताना देने से जैसे तुम बेवकूफ हो, तुम रहने दो तुमसे नहीं होगा,मुझे पता है तुम नाटक कर रहे हो,तुमसे बेहतर है वो, इस प्रकार के ताने बच्चों के आत्मविश्वास को तोड़ने का काम करते हैं।और बिना किसी गलती के भी अपराधबोध के शिकार हो जाते हैं।
इन तानों की वजह से बच्चे समाज का खुलकर सामना नहीं कर पाते।उनमें कॉन्फिडेंस की कमी हो जाती है, जिससे वो अपने मन में ही तनाव का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से उनके ग्रोथ पर नकारत्मक रूप से असर पड़ता है और हीनता के शिकार हो जाते हैं।
गलत चीजें आत्मसात करना

ऐसे बच्चे जिन्हें मां बाप हर वक़्त रोकते टोकते हैं, ताने मारते हैं। कभी कभी ऐसे बच्चे और भी उद्दंड हो जाते हैं। बाहर जाकर ये और भी बदमाशी और गलत संगत में पड़ जाते हैं। बदमाश हो जाने की वजह से ऐसे बच्चे आपको या किसी को भी ताने देने से नहीं चूकते क्योंकि ये वही सीख चुके होते हैं। इनके अंदर गुस्सा, झूठ बोलना बेईमानी करना या गलत आदत के भी शिकार हो जाते हैं।
कभी कभी तानों से परेशान होकर बच्चा खुद को या आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है।
इसलिए ताना देने गुड पैरेंटिंग नहीं हैं बल्कि आप अपने बच्चे को सकारात्मक तरीके से किसी बात को समझाएंगी तो बच्चों पर अच्छा असर पड़ेगा जैसे;
सकारात्मक रवैया अपनाएं

*बच्चे और अपने बीच के बॉन्ड को स्ट्रॉन्ग बनाएं उनसे प्यार से पेश आएं जिससे बच्चे आपकी सुनेंगे।
*बच्चे पढ़ाई नहीं करते तो आप उन्हें ऐसे ताने ना दें कि “नहीं पढ़ोगे तो झाड़ू पोछा करोगे” बल्कि उसे इसी बात को सकारात्मक तरीके से समझाएं कि “अगर आप पढ़ाई करोगे तो इन झाड़ू पोछा करने वालों को पैसे देकर मदद कर पाओगे”।
*बच्चा अगर कुछ करता है तो उसे आप डीमोटिवेट ना करें कि तुमने ये अच्छा नहीं किया बल्कि आप उसे ऐसे भी कह सकते हैं “वेल डन” तुमने अच्छा किया तुम अगली बार तो और भी अच्छा करोगे।
इस तरह मोटिवेट करने से आपके बच्चे का व्यक्तित्व निखरेगा और वो समाज में अच्छा करेगा।जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा जो उसके मानसिक शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।जिसकी वजह से वो अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा।
