जब बच्‍चा पेरेंट्स को छोड़ दोस्‍तों से करें सीक्रेट शेयर, जानें क्‍या है इसके पीछे का कारण: Secret Sharing
Secret Sharing

Secret Sharing: हर मां-बाप अपने बच्‍चे को दुनिया में सबसे ज्‍यादा प्‍यार करते हैं। उनकी चिंता करते हैं और उनके भविष्‍य को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कोशिश भी करते हैं। जब बच्‍चे छोटे होते हैं तब वह अपनी हर बात माता-पिता के साथ शेयर करते हैं। लेकिन जब बच्‍चे बड़े होने लगते हैं, तब वह अपने माता-पिता के बजाय अपने दोस्‍तों के साथ बातें शेयर करने लगते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि बच्‍चे अपनी बातें माता-पिता से छुपाते हैं या झूठ बोलते हैं। उम्र के हर पड़ाव पर बच्‍चों का रिश्‍ता पेरेंट्स के साथ बदलता है। विशेषकर जब बच्‍चा टीनेज में होता है, तब उसे माता-पिता का टोकना अच्‍छा नहीं लगता। हमउम्र होने की वजह से उनका रिश्‍ता दोस्‍तों के साथ गहरा होता चला जाता है। माता-पिता और बच्‍चों के बीच बढ़ते इस गैप की कई वजह हो सकती हैं। आज हम कुछ ऐसी मुख्‍य वजहों के बारे में जानेंगे, जो बच्‍चों को माता-पिता से दूर करने के लिए जिम्‍मेदार हो सकती हैं।

उम्र का अंतर

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Age difference

माता-पिता और बच्‍चों के बीच उम्र का एक बहुत बड़ा अंतर होता है। उम्र में अंतर होने से कई बार माता-पिता बच्‍चों के अच्‍छे दोस्‍त नहीं बन पाते। दोनों के रिश्‍ते के बीच एक अजीब सा पर्दा आ जाता है। ऐसे में बच्‍चे मां-बाप से दूर हो जाते हैं और हमउम्र दोस्‍तों के साथ रिश्‍ते मजबूत होने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह बच्‍चों के साथ एक दोस्‍ती का रिश्‍ता बनाएं। जब बच्‍चे माता-पिता को दोस्‍त समझते हैं, तो वह उनसे हर बात शेयर करते हैं। पेरेंट्स और बच्‍चों के बीच दोस्‍ती का रिश्‍ता होने से झूठ बोलने या बातें छिपाने की संभावना कम ही होती है।

ज्‍यादा रोकटोक

अधिकांश पेरेंट्स बच्‍चों को अच्‍छी आदतें सिखाने के लिए टोकाटाकी करते हैं। एक उम्र के बाद बच्‍चों को बहुत ज्‍यादा रोकटोक अच्‍छी नहीं लगती है। ज्‍यादा रोकटोक करने से बच्‍चा झुंझलाने लगता है और मां-बाप से दूरी बनाने लगता है। इसलिए माता-पिता को ध्‍यान रखना चाहिए कि किसी दूसरे व्‍यक्ति या दोस्‍त के सामने बच्‍चे को कभी न टोके। बच्‍चे को आराम से अकेले में समझाएं। उसे बताएं कि आप जो कह रहे हैं वह उसके भले के लिए है। डांटने या चिल्‍लाने से बात और बिगड़ सकती है, इसलिए हमेशा प्‍यार और शांति से समझाने की कोशिश करें।

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स्‍पेस न देना

ज्‍यादातर माता-पिता बड़े बच्‍चों को भी छोटे बच्‍चों की तरह देखरेख करते हैं। जो गलत है। जैसे अपनी जिंदगी की कुछ निजी बातें आप बच्‍चों के साथ शेयर नहीं करते, उसी तरह किशोरावस्‍था शुरू होते ही बच्‍चों को भी प्राइवेट टाइम की जरूरत होती है, जिसे शायद वह आपके साथ शेयर न करना चाहें। माता-पिता और बच्‍चों के बीच एक हेल्‍दी रिलेशनशिप के लिए पर्याप्‍त स्‍पेस देना जरूरी है। 

विचार थोपना

पेरेंट्स जानें ये बातें
Impose ideas

माता-पिता को अपने विचार बच्‍चों पर थोपने से बचना चाहिए। बच्‍चों के साथ अपना नजरिया शेयर करें और उनसे भी उनकी राय पूछें। बिना उनकी मर्जी या इच्‍छा के कोई भी फैसला उन पर न थोपे। बच्‍चों को गाइड करें और बच्‍चें की बात को भी गंभीरता से सुनें। उनके नजरिये की आलोचना करने से बचें।

गुस्‍सा करना

कई बार बच्‍चे की कुछ आदतें या हरकतें माता-पिता को पसंद नहीं आती और इससे उन्‍हें गुस्‍सा आ जाता है। गुस्‍से की वजह से माता-पिता बच्‍चों को डांटते हैं, उन पर चिल्‍लाते हैं या कभी-कभी हाथ भी उठा देते हैं। इससे बच्‍चों के मन पर बुरा असर पड़ता है, वे अपमानित महसूस करते हैं और बच्‍चे माता-पिता से दूरी बनाने लगते हैं। इस तरह के व्‍यवहार से पेरेंट्स और बच्‍चे के बीच बातचीत के तार टूटने लगते हैं और शामियाजा रिश्‍तों को भुगतना पड़ता है। इसलिए माता-पिता को संयम बरतना चाहिए और हर मामले पर आराम से बैठकर बातचीत करनी चाहिए।

प्रोत्‍साहन या प्रशंसा की कमी

बच्‍चे जब बड़े होते हैं तो वे कई नए काम और नई भूमिकाएं संभालते हैं। अपने जीवन में पहली बार कुछ नया करते हैं। अगर बच्‍चा कुछ भी नया और अनूठा करता है तो हमेशा माता-पिता को उसकी प्रशंसा करनी चाहिए और बच्‍चे को हमेशा कुछ नया करने के लिए प्रोत्‍साहित भी करना चाहिए। इससे बच्‍चों को लगेगा कि आप उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं और इससे वे आपके और नजदीक आएंगे।

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