Summary: क्रोएशिया को भारत की कला और परंपरा की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया दौरे पर ओडिशा की पारंपरिक पट्टचित्र पेंटिंग और राजस्थान का हस्तनिर्मित सिल्वर कैंडल स्टैंड उपहार में दिए। ये तोहफे भारत की गहरी सांस्कृतिक जड़ों और बारीक शिल्पकला को दर्शाते हैं।
PM Modi’s Gifts For Croatian Leadership: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 18 जून से क्रोएशिया की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। यह यात्रा बहुत खास है क्योंकि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला क्रोएशिया दौरा है। क्रोएशिया यूरोप का एक छोटा सा देश है, लेकिन यह अपने ऐतिहासिक शहरों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्रोएशिया दौरा इसलिए भी बहुत खास बन गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरे पर अपने साथ ओडिशा और राजस्थान के पारंपरिक तोहफे साथ लेकर गए हैं।
मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच को ओडिशा की एक पट्टचित्र पेंटिंग उपहार में दी है, जबकि प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच को राजस्थान की सिल्वर कैंडल स्टैंड उपहार में भेंट की है। आइए जानते हैं कि ये दोनों ही उपहारों की क्या खासियत है और ये दोनों क्यों इतने खास हैं।
क्या खासियत है ओडिशा की पट्टचित्र पेंटिंग की

पट्टचित्र पेंटिंग, ओडिशा की पारंपरिक कला है। यहाँ यह कला एक हजार से भी अधिक वर्षों से चली आ रही है। यह मुख्य रूप से कपड़े पर की जाती है और इसे अपनी विस्तृत और रंगीन पेंटिंग के लिए भी जाना जाता है। इसका नाम पट्टचित्र पेंटिंग इसलिए पड़ा है क्योंकि यह कपड़े पर की जाती है और कपड़े को स्थानीय भाषा में यहाँ पट्टा भी कहा जाता है, इसी वजह से इस पेंटिंग का नाम पट्टचित्र पेंटिंग पड़ा है। पट्टचित्र पेंटिंग में कलाकृतियां मुख्य रूप से भारतीय पौराणिक कथाओं पर आधारित होती हैं, इनमें भी खासकर भगवान श्री कृष्ण और जगन्नाथ परंपरा से जुड़ी हुई होती हैं। पट्टचित्र पेंटिंग की सभी कलाकृतियाँ एक कहानी कहती हैं, जिसे अक्सर दृश्यों में विभाजित करके बनाया जाता है।
इस कलात्मक पेंटिंग में प्राकृतिक रंगों और हस्तनिर्मित ब्रश का उपयोग किया जाता है। इसमें कलाकार गहरी रेखाओं और बारीक विवरणों के साथ चित्र को तैयार करते हैं। एक पट्टचित्र पेंटिंग को बनाने में कम से कम पांच दिन से लेकर आधे महीने तक का समय लग जाता है। जबकि विस्तृत या कस्टमाइज्ड पेंटिंग को पूरी तरह से तैयार होने में महीनों लग जाते हैं। पट्टचित्र पेंटिंग को तैयार करना पेंटिंग की जटिलता और उसके आकार के स्तर पर निर्भर करता है।
क्या खासियत है राजस्थान की सिल्वर कैंडल स्टैंड का

राजस्थान का उदयपुर और जयपुर शहर अपनी चांदी की शिल्पकला के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की जो पारंपरिक चांदी का कैंडल स्टैंड उपहार में दिया है, वह बेहद ही खास है। यह सिल्वर कैंडल स्टैंड राजस्थान की पारंपरिक धातु कला का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है।

इसे कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित और उत्कीर्णन तकनीक का उपयोग करके बेहद ही बारीकी से तैयार किया जाता है। इसमें विस्तृत पुष्प और ज्यामितीय डिजाइन बनाए जाते हैं, ताकि यह सबसे अलग और आकर्षक दिखे। इसका खूबसूरत आकार और सुंदर पैटर्न इसे एक शाही, राजसी और पारंपरिक रूप प्रदान करता है। राजस्थान के सिल्वर कैंडल स्टैंड में डिजाइन अक्सर खूबसूरत महलों और मंदिरों से ही प्रेरित होते हैं। साथ ही इनमें छोटी-छोटी बारीकियों पर भी ध्यान दिया जाता है।
