आप अपने ड्रीम होम के बारे में बताइये, आप इसे कैसे डिजाइन करेंगी और कैसे सजाएंगी?

एक ऐसा घर जो सिंपल होने के साथ ऐसा भी हो जो सौंदर्य की एक अलग परिभाषा गढ़ता हो और जिसमें वैभवशाली लाइफस्टाइल से जीने के लिए खास सुविधाएं हों। एक वाक्य में कहूं तो घर आरामदेह और जीवन से भरपूर होना चाहिए जो आपको रोजमर्रा के पागलपन से दूर ले जाए। एक डिजाइनर के तौर पर मैं अपने ड्रीमहोम का इंटीरियर नये तौर तरीकों के अनुसार करूंगी।

 
 
 
इंटीरियर डिजाइनिंग के नये ट्रेंड्स क्या हैं?

इंटीरियर डिजाइनिंग में 2016 के ट्रेंड हैं बैक टू नेचर यानी प्रकृति की ओर और बैक टू बेसिक्स यानी अपनी बुनियाद। जहां तक बात इस साल होने वाले प्रेरणादायक विशेष बदलावों की है, तो यह साल निश्चित रूप से डिजाइनिंग एरा में मील का पत्थर साबित होगा। ऐसे में ऐसे इंटीरियर्स में निवेश करना चाहिए जो विशेष अर्थ लिए हों, आर्टिफिशियली सीजन्ड हों और जिनकी क्वालिटी टाइमलैस हो। आज के समय में ऐसे इंटीरियर कराए जाने चाहिए जो कम से कम दस साल तक पुराने न पड़ें। इनमें एक्सेसरीज एक तरह के अपवाद होती हैं क्योंकि इन्हें अपने मूड के अनुसार बदला जा सकता है। आज की तकनीक में नये मटीरियल्स के साथ नये ट्रेंड हमारी ऐतिहासिक विरासत को ही दर्शाते हैं। नये विचारों के साथ-साथ ओरिजिनेलिटी को बनाये रखते हुए भी स्पेस को ज्यादा आरामदेह और उपयोगी बनाया जा सकता है, जो निश्चित रूप से 2016 का नया ट्रेंड होगा।

आप छोटी स्पेसेज को कैसे डिजाइन करती हैं?

 जहां तक छोटे घरों की स्पेसेज की बात है, हर एक इंच बहुत महत्व रखता है। स्पेस के अधिकतम उपयोग के लिए प्री प्लानिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जैसे कनवर्टिबल फर्नीचर भी एक स्मार्ट आइडिया है। दीवारों को काटकर भी काफी स्पेस बनाई जा सकती है जिसमें उपयोगी सामान रखा जा सकता है। ऐसे में जहां तक संभव हो, स्पेस को उपयोगी बनाएं। खिड़की के नीचे के स्थान को भी सिटिंग हाइट पर रखकर बैठने का खूबसूरत स्थान बन सकता है। बस जरूरत है तो सिर्फ इसपर कुछ गद्दियां और कुशन रखने की। ऐसे घरों में वार्डरोब नीचे बिना कोई जगह छोड़े फ्लोर से ही बनवानी चाहिए जिसमें सबसे नीचे शू ड्रावर बनाया जा सकता है।

आपको इंटीरियर डिजाइनिंग का कौन सा स्टाइल पसंद है?

इंटीरियर डिजाइनिंग में मुझे रस्टिक यानी ग्रामीण स्टाइल पसंद है।

एक कमरे को डिजाइन करते वक्त आप किन बातों का खास ध्यान रखती हैं?

एक कमरे को डिजाइन करते वक्त सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बातें हैं- स्पेस, वेंटिलेशन, लाइटिंग, कलर कोऑर्डिनेशन और रूम का पूरा माहौल।

एक छोटी सी स्पेस में बुक शेल्फ को कैसे फिट किया जा सकता है?

 
एक खूबसूरत सा पार्टीशन डालकर स्पेस का उपयोग किया जा सकता है। इसे आप स्टोरेज की तरह या एक डिस्प्ले केबिनेट की तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसे घरों में कुछ अलग बदलाव किये जाएं तो काफी मदद हो सकती है जैसे- गो वर्टिकल। छोटे घरों में क्योंकि फ्लोर एरिया काफी लिमिटेड होता है, इसलिए इनमें वर्टिकल यानी दीवारों की स्पेस का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाना चाहिए।
 

आप डिजाइनिंग के लिए कौन सी लकड़ी पसंद करती हैं?

डिजाइनिंग के लिए रिसाइकल्ड और ईकोफ्रेंडली लकड़ी जैसे बांस और रबरवुड का इस्तेमाल करना पसंद करती हूं।

एक छोटे और एक बड़े कमरे में लाइट्स का कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

किसी भी जगह के माहौल के लिए लाइट्स बहुत आवश्यक भूमिका निभाती हैं। यहां तक कि स्पेस के अलग-अलग इस्तेमाल में भी लाइट्स की अहम भूमिका होती है। लाइट्स स्पेस के प्रदर्शन, मूड, मनोबल, सुरक्षा और निर्णय पर भी असर करती हैं। सही लाइटिंग का चयन करने के लिए सबसे पहले यह देखना होता है कि हमें इसे किस स्पेस में प्रयोग करना है। यह भी पहले से ही तय करना होता है कि कितनी लाइट्स का प्रयोग करना है, किस रंग की लाइट हों, लाइट्स की दिशा क्या हो और ब्राइटनेस कितनी हो। 

 लाइटिंग प्रोफेशनल्स अलग-अलग बातों के आधार पर लाइटिंग व्यवस्था तय करते हैं जैसे बड़ी या छोटी लाइट की जगह सिंपल या सॉफेस्टिकेटेड पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। सिंपल लाइट्स ऑफिस या कार्यस्थलों पर लगाई जाती हैं जिनमें लाइट ज्यादा आए और वर्कस्टेशन को पूरी लाइट मिले। यहां पूरे माहौल को प्रकाशमय बनाने के लिए डायरेक्ट या इनडायरेक्ट फिक्सचर्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। कार्यस्थल पर टास्क लाइट्स और कॉरपोरेट ऑफिस में दीवारों पर टंगी कलाकृतियों को हाईलाइट करने के लिए एक्सेंट लाइटिंग की जाती है। सॉफेस्टिकेटेड लाइटिंग का फोकस न सिर्फ पर्याप्त उजाले की ओर होता है बल्कि अपनी मनपसंद इफेक्ट पाने के लिए भी होता है। इसका उपयोग डिजाइनर हाउसेज़ में किया जाता है।

बालकनी या वरांडा को गार्डन की तरह कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?

प्रकृति की गोद में रहना अपनेआप में एक बेहतरीन अनुभव है। अपनी बालकनी को एक ग्रीन आरामदेह स्पेस में तब्दील करना आपको एक उम्दा स्थान पर रहने का अहसास देता है, और प्रतिदिन इसे जीने का मौका देता है। इसके लिए सबसे पहले बालकनी में पानी निकलने की व्यवस्था कराएं। साथ ही ध्यान रखें कि आपकी बालकनी में साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाए। खासतौर पर अगर आपके पास बड़ी संख्या में पौधे हैं। मेरा सुझाव है कि बालकनी में मिट्टी की व्यवस्था करने के स्थान पर आप गमलों में पौधे लगाएं क्योंकि इनके साथ यह फायदा होता है कि इन्हें जरूरत के अनुसार कभी भी कहीं भी रखा जा सकता है। जैसे जिस पौधे को ज्यादा प्रकाश की जरूरत हो या आप अपने मन के अनुसार किसी पौधे की जगह बदलना चाहती हों। यह भी पहले से ही तय कर लें कि आपको अपनी बालकनी को गार्डन का रूप देने के लिए करीब कितने पौधे चाहिए। इसके अलावा बालकनी को गार्डन लुक देने के लिए कुछ हैंगिंग प्लांट्स भी जरूर लगाएं। इससे आपकी बालकनी एक सुंदर बगिया का रूप ले लेगी।

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