हर लड़की का सपना होता है अपने सुंदर से घर का, जिसे वह अपनी इच्छानुसार एक अलग अंदाज दे सके। शादी के बाद जब उसे अपना घर मिलता है तो वह घर अक्सर उसकी कल्पना जैसा नहीं होता लेकिन गृहिणी बनकर वह अपने इसी घर को कुछ बदलाव करके ऐसा रंगरूप देना चाहती है जो उसकी कल्पना से मिलता-जुलता हो। हालांकि समय के साथ घर की सजावट यानी इंटीरियर के ट्रेंड भी बदलते रहते हैं। कभी घर की सजावट के लिए एंटीक का चलन होता है तो कभी मॉडर्न डिजायन ज्यादा चलते हैं। आइये हम जो दे विवरे की इंटीरियर डिजायनर शैला कपिल से जानते हैं कि इंटीरियर में क्या नया है।
सिम्पलिसिटी का महत्व
होम डेकोर में आजकल, जो बहुत खास हो और जिसकी टाइम वैल्यू हो, वह है सिम्पलिसिटी- यानी सादा जीवन, उच्च विचार। शैला कहती हैं कि सिम्पलिसिटी ही एक ऐसी चीज है जो कभी पुरानी नहीं पड़ती और हमेशा ही चलन में रहती है। इसे टाइमलैस स्टाइल भी कहा जा सकता है क्योंकि यह कभी पुराना नहीं लगता।
घर की सजावट में एक बात का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी है और वो है बदलाव। कुछ ही दिनों में घर की सजावट से मन उकता सा जाता है और लगता है कि कुछ अलग और कुछ खास हो। ऐसे में अगर हमने अपने घर को बोल्ड रंगों से सजाया हुआ है तो इसे बदलकर सिम्पल थीम पर आ जाना चाहिए यानी बोल्ड रंगों की जगह हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। कभी-कभी हल्के रंग और सिंपल डिजायन भी आंखों को भाते हैं और सुकून देते हैं।

रंगों की भूमिका
शैला के अनुसार रंग होम डेकोर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए इन्हें बहुत बुद्धिमानी और कलात्मकता से प्रयोग किया जाना चाहिए। अक्सर गहरे रंग, भारी और बड़े प्रिंट्स और ब्राउन-बैज जैसी तीखी स्कीम आंखों को चुभने लगती हैं। इसकी वजह है इनमें गहराई और आकर्षण की कमी।
यह भी बेहद जरूरी है कि हमेशा घर को अपनी पसंद और अपनी इच्छा के अनुरूप सजाना चाहिए, न कि दूसरों को आकर्षित करने या लुभाने के लिए। यह न सोचें कि यह आपको हमेशा के लिए अभिव्यक्त करेगा। घर की सजावट ऐसी चीज है जिसे समय-समय पर बदला जा सकता है, यह हमेशा एक जैसी नहीं रहेगी। एक साफ-सुथरा, अव्यवस्था मुक्त घर सालों तक लोगों को आकर्षित कर सकता है।
पेस्टल रंगों का चलन
शैला की सलाह है कि अपने घर को सजाने के लिए हल्के पेस्टल रंगों का इस्तेमाल करें और इसमें बहुत से स्टोन्स को स्थान दें। इसके अलावा हल्के रंगों की या सफेद चादर बिछाएं। यकीन मानिए, आप अपने घर के इस लुक से कभी बोर नहीं होंगे और यह कभी आपको उबाऊ भी नहीं लगेगा।
क्लासिक और एंटीक लुक

घर के लिए क्लासिक और एंटीक फर्नीचर लेने के क्या फायदे हैं और घर के कुछ खास स्थानों को अपना स्टाइल स्टेटमेंट बनाने के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बारे में शैला का मानना है कि भारतीय एंटीक लुक वाकई खास और भव्य दिखता है। इस लुक के लिए नक्काशीदार लकड़ी और बुनी हुई केन का फर्नीचर इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसके लिए घर में बड़े स्पेस का होना जरूरी है ताकि यह स्थान भरा-भरा न लगकर आरामदेह लगे। इसके लिए छत ऊंची और खाली होनी चाहिए और घर हवादार और प्राकृतिक रोशनी से भरपूर होना चाहिए। इससे घर की भव्यता बढ़ती है। इसके अलावा परदों और दूसरे स्थानों पर कॉटन फेब्रिक, गहरे रंग, पेंडेंट लाइट्स, बड़े और भव्य पिक्चर फ्रेम, भारी टीकवुड के पलंग, लकड़ी की पेटियां जैसे कुछ और एलीमेंट हैं जो होम डेकोर के एंटीक लुक को और भव्यता प्रदान करते हैं।
प्रयोग और बदलाव
शैला कहती हैं कि आमतौर पर लोग अपने घर का इंटीरियर करवाते वक्त किसी बदलाव या नये प्रयोग को लेकर काफी सशंकित रहते हैं। रंगों और लुक को लेकर लोगों की सोच को बदल पाना बहुत मुश्किल होता है। यही विंटेज या एंटीक लुक के साथ भी है। इसके बाद चुनौती लोगों को यह समझाने की होती है कि कुछ भी नया अपनाने में समय लगता है।
इसके साथ ही यह भी सच है कि इंटीरियर का हर लुक एक अलग तरह की केयर और डिटेलिंग की मांग करता है यानी घर का रखरखाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उसे बनाना होता है।

तारतम्य और लय
इंटीरियर की एंटीक स्कीम में सभी चीजों के बीच एक तारतम्य और एक लय होनी चाहिए।
- लोग अक्सर एक बड़ी गलती करते हैं कि एक छोटी सी जगह में बहुत सारी चीजें मिला देते हैं। इससे किसी भी जगह की अपनी पहचान खो जाती है।
- हम पुराना और नया को एकसाथ मिला सकते हैं लेकिन लय या फ्लो से समझौता नहीं होना चाहिए जैसे एक स्टील की कुर्सी किसी इंगलिश कंट्री होम के फ्लो में फिट नहीं बैठती है। इसी तरह एक ट्रेडीशनल इंडियन सेटअप में लैदर का सोफा बिलकुल अलग देखेगा।
- लोग अक्सर लिविंग रूप और मास्टर बेडरूम पर ज्यादा ध्यान देते हैं और गैस्ट बेडरूम, ड्राई एरिया और बालकनी पर बिलकुल ध्यान नहीं देते जो गलत है क्योंकि आपके घर का हर कोना महत्वपूर्ण है।
- बेडरूम में प्रमुख फर्नीचर बेड ही होता है इसलिए अपने बेड को बेड फ्रिल्स और खूबसूरत लेसी क्विल्ट्स से सजाएं। इसे बेडकवर्स में ही नहीं बांधे रखें। इसके साथ खूबसूरत साइड टेबल्स रखें। आसपास ईजी चेयर भी रखें ताकि दिन के समय आपको बैठने के लिए हमेशा बेड का ही इस्तेमाल न करना पड़े।
रचनात्मक रूप-स्वरूप
घर को कुछ हटकर अलग और रचनात्मक रूप देने के लिए अलग-अलग तरह के फर्नीचर और एसेसरीज़ को एक साथ मिलाया जा सकता है। इस बारे में शैला कहती हैं कि वे हमेशा इस मंत्र पर काम करती हैं, थिंक आउट ऑफ द बॉक्स। यानी कुछ अलग सोचें। वे सलाह देती हैं कि अपने घर की दीवारों को कुछ ऐसे सजाएं जो बाकी लोगों से अलग लगे। जैसे दीवारों पर जरूरी नहीं कि सिर्फ पेंटिंग्स और म्यूरल्स ही लगाए जाएं, इसकी जगह बहुत से रचनात्मक कार्य किए जा सकते हैं। जैसे-
- आपके घर में बहुत सा ऐसा सामान होता है जो बेकार पड़ा होता है, जैसे हमारे बहुत से ऐसे कपड़े होते हैं जो हमें बहुत अच्छे लगते हैं, जिन पर बहुत सुंदर कढ़ाई-कशीदाकारी होती है। हमारा मन उन्हें किसी को देने का भी नहीं करता और हम उन्हें किसी वजह से अब पहन भी नहीं सकते। इन कपड़ों को फ्रेम करवा कर दीवारों को रचनात्मकता दी जा सकती है।
- घर के अलग-अलग कोनों को सुरुचिपूर्ण ढंग से उभारने के लिए उनके ऊपर पेंडेंट लाइटों का इस्तेमाल किया जा सकता है जो एक अलग मूड बनाने के लिए जरूरी है।
- कमरे में सजाई गई हर वस्तु ऐसी होनी चाहिए जो कमरे की थीम को उभारे।
- इस कमरे में एक बड़ी सी मूर्ति या ऐसा कोई पीस जरूर रखें जो आकर्षण का केंद्र बने।
- घर में हैप्पी लुक के लिए ताजा फूल अवश्य रखें।
- दीवारों पर बहुत से आइने लगाने से बचें।
- क्रिस्टल का सामान रखना अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। इसी तरह मूमेंटो या कोई शील्ड रखना भी सिर्फ धूल जमाने का काम रह गया है।
- बहुत सा सामान जमा न करें और जो चीजें लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रही हैं, उन्हें निकाल दें।
- जमीन छूते हुए बेड घर में न रखें क्योंकि इसके कारण स्थान की ठीक से सफाई संभव नहीं होती।
- इसी तरह छत को छूती हुई अलमारियों से भी छोटा कमरा भरा-भरा सा लगता है।
