पिछले ओलिंपिक 2012 में जमैका शेले फ्रेडर ने 100 मीटर की रेस को 10.73 सेकंड में पूरा करके पहला स्थान प्राप्त किया था और अमेरिका की कार्मलिटा जेटर ने 10 .75 सेकंड में और जमैका की वेरोनिका कैम्पेबेल ब्राउन 10.81 सेकंड में पूरा करके तीसरा स्थान पाया था। इस बार दुति को अगर ओलम्पिक्स जीतना है तो उन्हें यह रेस 10.70 सेकंड में पूरी करनी होगी। शेले फ्रेडर से मुकाबला होगा जिसके लिए उन्हें काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अब तक भारत में इससे पहले 1980 में मास्को ओलम्पिक्स के लिए पी टी उषा ने क्वालीफाई किया था पर पी टी उषा कुछ सेकंड से जीत नहीं पा सकी। इस बार देखना ये है कि क्या दुति चंद भारत की ये उम्मीद पूरी कर पाती है या नहीं।
बैन भी लग चुका है दुति पर –
इन्ही दुति पर कुछ साल पहले यह कहकर बैन लगा दिया गया था कि उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्र ज्यादा है जो कि पुरुषों में होती है और उनकी परफार्मेंस को बेहतर कर देती है। इस तरह के आरोपों से घिरी दुति चंद काफी निराश हो क्योंकि लोग उन्हें आकर पूछते थे कि क्या उन्होंने कोई दवाई खायी थी। ऐसे में दुति ने आत्महत्या करने की कोशिश भी की लेकिन परिवार और खासकर उनकी बड़ी बहन के सहयोग से वो न सिर्फ इस सदमे से बाहर आई बल्कि उनके हौसले और भी बुलंद हो गए। 2015 में कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन स्पोर्ट्स ने दुति के पक्ष में फैसला दिया और उन पर से बन हटा दिया। इसी के साथ 20 वर्ष की दुति उनकी क़ाबलियत और उनकी नीयत पर वालो को करारा जवाब भी दे दिया कि वो क्या कर सकती है दुति चंद वही है जिन पर कुछ समय पहले डोपिंग के आरोप लगाए गए थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सारी मुसीबतों से लड़कर आखिरकार कामयाब हुयी।
हम तो यही दुआ करेंगे कि दुति उड़नपरी की तरह दौड़े और रियो ओलम्पिक्स में भारत के लिए मैडल लेकर आये।
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