सदियों से ये सोच चली आ रही है महिलाएं शारीरिक और मानसिक तौर पर पुरुषों से कमजोर होती हैं। ऐसे में ये आम धारणा बन चुकी है, महिलाएं योग्यता के मामले में पुरुषों के बराबर नहीं हो सकती है। लेकिन इस सोच से इतर प्राचीन विद्वान चाणक्य ने कुछ मामलों में महिलाओं को पुरुषों से बेहतर बताया है, तो चलिए जानत हैं कि किन विषयों में महिलाएं, पुरूषों से बेहतर होती हैं।
दरअसल, चाणक्य प्राचीन भारत के महान विद्वान और राजनीतिज्ञ थें, जिन्होने अपनी नीतियों के जरिए राजा से लेकर आम जनता का मार्गदर्शन किया। चाणक्य ने व्यक्ति के दैनिक जीवन से लेकर उसके आचार-विचार हर चीज के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है। चाणक्य ने पुरुष और महिला दोनो के स्वभाविक गुणों के बारे में भी बताया है। चाणक्य कहते हैं…
स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।।
इसका अर्थ है कि महिलाओं का आहार पुरुषों की अपेक्षा अधिक होता है, क्योंकि उन्हें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है।चाणक्य आगे कहते हैं कि महिलाएं बुद्धी के मामले में तेज होती हैं।इसके अलावा महिलाओं में साहस भी काफी होता है।वहीं चाणक्य आखिर में कहते है कि महिलाओं में काम की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है।
