चाणक्य प्राचीन भारत के महान विद्वान और राजनीतिज्ञ थें, जिन्होने अपनी नीतियों के जरिए राजा से लेकर आम जनता का मार्गदर्शन किया। चाणक्य की ये नीतियां आज के समय में भी पुरूष और महिला दोनों के लिए बेहद उपयोगी है, अगर इनका पालन किया जाए तो दुनियादारी की समस्याओं से बच सकते हैं। आज हम आपके लिए चाणक्य की ऐसी ही बेहद उपयोगी नीति लेकर आए हैं। दरअसल, चाणक्य के अनुसार 4 बातें किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि ये कौन 4 बाते हैं…
दरअसल, चाणक्य ने कहा है…
अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च। नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत्।।
यानी कि अर्थनाश, मन के संताप, गृहिणी के चरित्र और अपने साथ हुए अपमान का कभी भी खुलासा नहीं करना चाहिए। चलिए आपको इन चारों के बारे में जरा विस्तार से बताते हैं।
धन हानि
अर्थनाश यानि कि अपने साथ हुई धन हानि के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। क्योंकि आपका धन आपकी शक्ति होती है और अगर किसी को ये पता चल जाए कि आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं, तो फिर हो सकता है वो आपका साथ छोड़ दें। इसलिए बेहतर यही है कि आप इस बारे में किसी को ना बताएं।
मन का संताप
अपने मन के किसी गहरे दुख या व्यथा के बारे में भी किसी को नहीं बताना चाहिए। क्योंकि लोग आपके दुख को कम करने की बजाए उसका मजाक बनाते हैं। इसलिए इसे अपने मन में ही रखना चाहिए।
गृहिणी का चरित्र
यहां गृहिणीचरिता से अभिप्राय पत्नी के चरित्र और स्वभाव से है, चाणक्य का कहना है कि पत्नी के स्वभाव के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। ये बात पतियों के बारे में भी लागू होती है, कि महिलाओं को अपने पति के चरित्र और स्वभाव के बारे में किसी से नहीं बताना चाहिए। क्योंकि ये आपकी आपसी दाम्पत्य जीवन का मामला होता है, इसे दुनिया के सामने ना ही लाए तो ही बेहतर होगा।
अपमान या अपशब्द
चाणक्य ने कहा कि है कि अगर आपके साथ कोई अपमान करने वाली घटना घटित हुई है या फिर किसी ने आपसे अपशब्द कहा है, तो इसे भी किसी से नहीं बताना चाहिए। क्योंकि लोग बिना घटना की वजह जाने आप पर ही हंसेंगे।
स्पष्ट है कि चाणक्य की ये नीतियां आज के समय में भी सभी के लिए बेहद उपयोगी हैं।
