Benefits Of Corn Silk: बरसात और सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म भुट्टा खाने का एक अलग ही आनंद होता है। इस मौसम में आसानी से भुट्टा मिल भी जाता है लेकिन अधिकांश लोग भुट्टा खरीदते समय इसके सुनहरे रेशों को निकाल कर अलग कर देते हैं। इसे कॉर्न सिल्क के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भुट्टे को सुरक्षित रखने वाले ये मुलायम रेशे अनेकों बीमारियों से भी आपकी रक्षा कर सकते हैं। इसमें मौजूद सिटेस्टेरोल और स्टग्मास्टरोल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है साथ ही ये किडनी स्टोन की समस्या में भी सहायक भूमिका निभाते हैं। भुट्टे के रेशे ताजा और सूखे दोनों तरह से इस्तेमाल किए जा सकते हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
भुट्टे के रेशो के फायदे

किडनी स्टोन से राहत
किडनी स्टोन की समस्या तब उत्पन्न होती है जब किडनी में मिनरल की अधिक मात्रा जमा होने लगती है। स्टोन छोटे होते हैं लेकिन दर्द का कारण बन सकते हैं। किडनी स्टोन से निजात पाने के लिए ट्रीटमेंट या फिर सर्जरी करवाई जाती है। लेकिन यदि आप इसका घरेलू उपचार करना चाहते हैं तो भुट्टे के रेशे आपके काम आ सकते हैं। ये रेशे यूटीआई और ब्लेडर इंफेक्शन को भी कम कर सकते हैं।
डायबिटीज में फायदेमंद
हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भुट्टे के रेशे रामबाण साबित हो सकते हैं। ये शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाकर शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से इंसुलिन लेने की आवश्यकता कम हो सकती है।
अर्थराइटिस के दर्द से राहत
अर्थराइटिस एक सामान्य समस्या है जो यूरिक एसिड और उम्र बढ़ने की वजह से होती है। सामान्य दवाईयों और एक्सरसाइज के साथ यदि भुट्टे के रेशों का इस्तेमाल किया जाए तो दर्द से राहत मिल सकती है। ये ज्वॉइंट्स पेन में भी फायदेमंद हो सकता है।
डायजेस्टिव सिस्टम को रखे सुरक्षित
सर्दियों के मौसम में पेट दर्द, कब्ज और गैस की समस्या आमतौर पर परेशान करती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए भुट्टे के रेशे का उपयोग किया जा सकता है। ये रेशे लिवर द्वारा बाइल सेक्रेशन को बढ़ाते हैं जिसके कारण खाने को पचाने में मदद मिलती है।
भुट्टे के रेशे का सही इस्तेमाल

– भुट्टे के रेशे का इस्तेमाल चाय के तौर पर किया जा सकता है।
– रेशे की चाय बनाने के लिए एक बर्तन में एक कप पानी लें और उसमें अच्छी तरह उबाल आने दें।
– फिर उबलते पानी में भुट्टे के रेशे डालें और लगभग 5 मिनट तक उन्हें उबलने दें।
– जब तक रेशे भूरे रंग के न हो जाएं इसे उबलने दें और फिर एक कप में छान लें।
– इस चाय को अधिक स्वादिष्ट और फायदेमंद बनाने के लिए नींबू और शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है।
– यदि आपको डायबिटीज है तो शहद से परहेज करें।
– वहीं अर्थराइटिस के मरीज नींबू का सेवन न करें।
– इस चाय को खाली पेट पीना अधिक लाभकारी हो सकता है।
