आप को किसी भी आपातकाल की स्थिति के समय फर्स्ट एड किट तैयार रखनी चाहिए। और उसमे भी आप को क्या क्या रखना है व क्या क्या नहीं रखना उसका भी ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं आप को विभिन्न प्रकार की स्थितियों के लिए किस प्रकार अपने बच्चों के लिए फर्स्ट ऐड किट तैयार करनी चाहिए। और उसमे भी आप को क्या क्या रखना है व क्या क्या नहीं रखना उसका भी ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं आप को विभिन्न प्रकार की स्थितियों के लिए किस प्रकार अपने बच्चों के लिए फर्स्ट ऐड किट तैयार करनी चाहिए। 

जब आप के बच्चे का सिर फूट जाए या सिर में किसी प्रकार की चोट लग जाए

क्या करें: एक बर्फ के टुकड़े या किसी ठंडी सब्जी को एक टॉवल में लपेट लें और उसे चोटिल अरिया पर रगड़ें ताकि सूजन उतर जाए। आप दर्द के लिए कोई पेन किलर भी दे सकते हैं। यह एक बेसिक उपचार है। इसके बाद भी यदि आप के बच्चे को किसी प्रकार की तकलीफ महसूस हो या उनके व्यवहार में किसी प्रकार का बदलाव हो तो आप उन्हें डॉक्टर को दिखा सकते हैं।

क्या नहीं करना चाहिए: यदि आप के बच्चे को किसी प्रकार की सिर में चोट है तो उसे इबूप्रोफेन बिल्कुल न दे। इस से ब्लीडिंग बढ़ सकती है जो एक चिंता का विषय है।

मदद लें: यदि आप को लगता है कि इन सब चीजों से आप के बच्चे को कोई मदद नहीं मिली है तो आप उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं। यदि उसको कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं जैसे जी मिचलाना, उल्टियां होना, धुंधला दिखना और उनके सिर से ब्लीडिंग हो रही हो तो उसे डॉक्टर के पास अवश्य लेकर जाएं। 

नकसीर आने पर क्या करें?

क्या करें: अपने बच्चे का आगे की ओर हल्का सा सिर टेढ़ा करवाएं। नसल बोन के ठीक नीचे एक तोलिए या एक टिश्यू पेपर से नाक को दबाएं। आप किसी नसल स्प्रे जैसे अफरीन आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप इसी अवस्था में 10 से 15 मिनट तक रहेंगे तो इसे नाक से खून आना बंद हो जाएगा। आप को इससे लंबे समय तक भी बैठना पड़ सकता है इसलिए फोन का टाइमर सेट कर लें। जब नाक से खून आना बंद आजाएं और एक परत आजाएं तो वहा वेसलीन का प्रयोग करें। 

क्या न करें: अपने बच्चे को नीचे की ओर सिर करने या लेटने को न बोलें। यदि वह ऐसा करेगा तो खून उसके गले से होते हुए पेट में पहुंच जाएगा जिससे उसे उल्टियां आने का भी डर होगा। उल्टियां आने से दोबारा ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। टिश्यू या रूई को नाक के अंदर न डालें। 

यदि आधे घंटे से अधिक देर तक आप के बच्चे के नाक से खून आना बन्द न हो तो उसे ER के पास लेकर जाएं। 

जले हुए को कैसे ठीक करें?

क्या करें: किसी ठंडी चीज से जले हुए भाग को 10 से 15 मिनट तक सेकें ताकि जलन व दर्द कम हो। इस प्रक्रिया को बार बार दोहराएं। इसके बाद इस हिस्से पर किसी एंटी बायोटिक का प्रयोग करें। यदि अब भी आपका बच्चा दर्द में है तो आप उसे इबूप्रोफेन जैसी दवा दे सकते हैं। यदि वहां कोई बुलबुले जैसा निशान बन जाता है तो घबराएं न बल्कि यह आप को इंफेक्शन से बचाने का काम करता है। 

क्या न करें: विटामिन ई या घी में से किसी भी चीज का प्रयोग न करें। और न ही बर्फ के टुकड़े को सीधा जली हुई जगह पर लगाएं। इससे टिश्यू डेमेज हो सकता है।

मदद लें: यदि आप के बच्चे का जला हुआ भाग हिल नहीं पा रहा है या उसकी हालत लगातार बुरी होती जा रही है तो तुरन्त मेडिकल हेल्प लें।

कटे हुए निशान को कैसे ठीक करें ?

क्या करें: सबसे पहले कटे हुए भाग को चलते हुए पानी के नीचे धोएं, इस के बाद उस जगह पर किसी एंटी बायोटिक का प्रयोग करें और वहां एक बैंडज लगा दें। यदि आप को बैंडेज के अंदर से भी खून निकलता दिखाई देता है तो 15 मिनट तक उस भाग पर डायरेक्ट प्रेशर लगाएं। इससे ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। 

क्या न करें: कटे हुए हिस्से को अल्कोहल, हाइड्रोजन पेरोक्साइड व बेटेडिन से साफ न करें। अल्कोहल से बहुत गंदी स्मेल आएगी जिसे आप का बच्चा बिल्कुल भी पसंद नहीं करेगा और हाइड्रोजन पेरोक्साइड व बेटेडिन से बच्चे की स्किन डेमेज होने का खतरा रहता है।

सहायता कब लें? : यदि आप के बच्चे का घाव बहुत बड़ा है और उसमें से लगातार ब्लीडिंग हो रही है तो हो सकता है आप के बच्चे को स्टिचिंग की जरूरत हो। इसलिए उसे तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर जाएं। यदि 15 मिनट तक ब्लीडिंग बंद नहीं होती है तो आप को डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यदि ब्लीडिंग को 24 घंटे हो जाते हैं तो डॉक्टर उसे इंफेक्शन के खतरे कि वजह से स्टिच नहीं करते हैं। 

मुड़ी हुई एड़ी को कैसे ठीक करें?

क्या करें: अपने बच्चे को बिठाएं और उसकी एडी पर बर्फ से सिकाई करें। अगले 48 घंटो तक हर घंटे 15 मिनट तक एडी पर बर्फ से सिकाई करते रहें। इबूप्रोफेन देने से भी सूजन कम होने व दर्द में राहत मिलने में मदद मिलेगी। 

क्या न करें: कोई गर्म चीज से एडी की सिकाई न करें और न ही 48 घंटों तक बच्चे के पैर को गर्म पानी में जाने दें। हीट से उसे किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी बल्कि दर्द व सूजन बढ़ जाएगी। 

सहायता कब लें? : यदि आप का बच्चे एडी पर किसी प्रकार का वेट नहीं सहन कर पा रहा है या वह विकृत नजर आ रहा है तो उसे तुरन्त ER के पास ले कर जाएं। यह एडी टूटने के लक्षण होते हैं। अतः उसे घर पर ही बिठा कर लापरवाही न बरतें और तुरन्त उसका इलाज शुरू कराए।

यदि आप के बच्चे का गला चोक है, तो क्या करें?

क्या करें: उसके साथ बात करते रहें, यदि वह सामान्य रूप से जवाब दे पाता है तो उसके एरवे क्लीयर हैं। यदि वह ठीक से जवाब नहीं दे पाता है तो तुरन्त एम्बुलेंस को फोन करे और तब तक अपने हाथों को उसकी कमर के चारों ओर लपेटें, एक मुट्ठी बनाएं, और अंगूठे वाली साइड को उसके उपरी अब्दोमन पर रखें। अब अपनी इस मुट्ठी को दूसरे हाथ से पकड़ें और तेजी से ऊपर की तरफ जोर बनाएं। 

क्या न करें: यदि वह सही से जवाब नहीं दे पा रहा है तो उसके साथ बुरे प्रकार का व्यवहार न करें। यदि वह खांसना चाहता है तो उसे खांसने दें। अपनी उंगली उसके गले में न डालें।

सहायता कब लें? : यदि वह बिल्कुल जवाब नहीं दे पा रहा है या सामान्य रूप से बात नहीं कर पा रहा है तो तुरन्त उसे ER के पास ले कर जाए।  

छाले को कैसे ठीक करें?

सबसे पहले अपने हाथों व छाले को साबुन व गर्म पानी से धोएं। 

 छाले को आयोडिन या अल्कोहल लगा कर पट्टी करें। 

एक सुई को अच्छे से साफ करें। 

अब उस सुई से छाले में एक पंक्चर यानी छेद करें। 

अब छाले वाली जगह पर एंटी बायोटिक लगा कर उस पर बैंडेज लगाएं। 

थोड़े दिन बाद सारी डैड स्किन को निकाल लें। 

होम केयर

छोटे छाले को बैंडेज लगा कर कवर करें व बड़े छालों को प्लास्टिक कॉटेड गौज से कवर करें।

छाले को तब तक सुई से पंक्चर न करें जब तक उसमे अधिक दर्द न होने लगे या जब तक आप को काम करने में दिक्कत न आने लगें।

दर्द से बचने के लिए एक साफ सुई का प्रयोग करें। छाले पर एंटी बायोटिक लगाएं और फिर उस पर बैंडेज बांध लें। 

चोट लगने पर क्या करें?

आप को इस प्रकार की चोट तब लगती है जब कोई ब्लो आप की स्किन के आस पास की ब्लड वेसल को डेमेज कर देता है। ऐसे में आप की स्किन के नीचे से टिश्यू से ब्लड निकलने लगता है। इससे आप की स्किन पर नीले व लाल रंग के निशान हो जाते हैं। 

शुरू शुरू में यह निशान लाल रंग का होता है फिर थोड़े समय बाद वह जामुनी या हल्के नीले रंग में बदल जाता है।

यदि आप की स्किन डेमेज नहीं होती है तो आप को बैंडेज की आवश्यकता नहीं होती है। 

शुरू शुरू में इसमें थोड़ा दर्द होता है लेकिन बाद में दर्द कम हो जाता है।

इसमें खुजली होती है, थोड़ी सूजन भी आ जाती है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

जब चोट का आकार ज्यादा बड़ा हो जाए। 

आप के मसूड़ों या नाक से खून आने लग जाए, स्टूल या यूरिन से खून आने लग जाए। 

एक दम से चोट के निशान हो जाए। 

तीन से 4 हफ्तों बाद भी जब चोट में किसी प्रकार की राहत न मिले। 

होम केयर

एक या दो दिन के लिए दिन में कई बार इस चोट पर बर्फ से सेक लगाएं। 

इस स्थान से ज्यादा काम न लें अर्थात् रेस्ट करने दे। 

जले हुए के लिए क्या करें?

इस प्रकार की चोट आप को तब लगती है जब आप किसी गर्म चीज द्वारा या बिजली के संपर्क में आने के कारण आप का कोई हिस्सा जल जाता है। एक साधारण बर्न को एक गंभीर बर्न से अलग करने में हमें पहले तीन प्रकार के बर्न के बारे में पता करना होगा। 

फर्स्ट डिग्री बर्न: इस प्रकार के बर्न में केवल त्वचा की उपरी परत ही जलती है। इसमें स्किन लाल हो जाती है, सूज जाती है व इसमें दर्द भी होता है। इस प्रकार का बर्न बहुत ही मामूली होता है। यह अक्सर हाथ, पैर या मुंह पर हो जाता है। 

सेकंड डिग्री बर्न :इस प्रकार का बर्न तब होता है जब आप की स्किन की दूसरी परत यानी अंदरुनी परत भी जल जाती है। इससे आप की स्किन पर बहुत अधिक लाल रंग का निशान हो जाता है। इसमें कई बार सूजन के कारण ज्यादा दर्द भी होने लगता है। यदि यह बर्न 3 इंच तक का है तो यह मामूली है और यदि यह इससे बड़ा है तो आप को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। 

 यदि आप को मामूली बर्न हैऔर वह 3 इंच से छोटा है तो आप निम्न सावधानियां बरते : 

इंफेक्शन के लक्षण देखे जैसे सूजन, जलन, बुखार, अधिक लाल निशान होना और कभी कभार बुखार होना। यदि आप को यह निशान दिखाई देते हैं तो आप को मेडिकल सहायता कि आवश्यकता है। 

यदि निशाना अधिक लंबे समय तक रहता है तो आप को उस जगह पर बाहर निकलने से पहले सन स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। 

यदि ज्यादा बड़े आकार के निशान होते हैं तो आप को उस पर बर्फ नहीं लगानी चाहिए। 

निशान पर घी न लगाएं इससे इंफेक्शन होता है। 

छाले होने पर उनको न फोड़ें। 

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