दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते साँस लेना तक मुश्किल होता जा रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि घर के अंदर की हवा भी आपको बीमार कर सकती है। दरअसल, फ्लैट कल्चर और बंद कमरों में कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी घातक कार्बनिक गैसे निकलती हैं जो बीमारी का कारण बनती हैं। तो आइए जानते हैं वो कौन से कारण है जिनसे घर के अंदर भी आप बीमार हो सकती हैं।  

घरों में कई तरह की गैसें–

घर के अंदर का प्रदूषण किचन में खाना बनने के दौरान निकलने वाला धुंआ भी होता है और बंद जगहों पर कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, एस्बेस्टॉस, रेडॉन, लेड पार्टिकल्स, पॉलेन, फॉर्मेल्डीहाइड, अमोनिया, सल्फाइड, बेंजीन स्टीम, सिगरेट का धुआं जैसे प्रदूषित तत्व भी पाए जाते हैं।

घर के अंदर की ये गैसें हैं खतरनाक–

‘सल्फर डाईऑक्साइड’ ऐसी रंगहीन गैस है जो पानी में घुलकर भाप के रूप में अम्ल बनाती है इससे सांस उखड़ने की समस्या पैदा होती है। वहीं, ‘कार्बन मोनोऑक्साइड’
रंगहीन व गंधहीन गैस है जिससे दिखने और सुनने की क्षमता घट सकती है।

ऐसे करें बचाव–

अगर आप घर में एक मोमबत्ती जला दें तो काफी हद तक यह प्रदूषण कम हो जाता है। साथ ही, थोड़ा सा सिरका पूरे घर के प्रदूषण को कम कर सकता है। वैक्यूम क्लीनर का उपयोग पीएम-2.5 से राहत दिला सकता है। या फिर तुलसी जैसे कई पौधे भी हैं जो आंतरिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं।