आमतौर पर देखा गया है कि ज्यादा ऑयली या स्पाइसी खाने से या फिर बहुत देर तक भूखे रहने से एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है और एसिडिटी का नाम लेते ही हमारे दिमाग में कई एंटी-एसिडिक दवाएं आ जाती हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए हम एसिडिटी कम करने वाली दवाएं तो ले लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एसिडिटी से आराम दिलाने वाली ये छोटी सी दवा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इन दिनों एसिडिटी की दवाओं जैसे- ओमीप्रैजॉल या पैंटोप्रैजॉल का चलन बढ़ गया है। लेकिन इन दवाओं के अधिक सेवन की वजह से छोटी आंत में जीवाणुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, जिसे स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ कहा जाता है।
एसिडिटी दूर करने के लिए जिन दवाओं का सेवन किया जाता है उनकी वजह से आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन कम होने लगा है और इन घटनाओं के कारण छोटी आंत में जीवाणुओं की आबादी तेजी से बढ़ने लगी है, जो हमारे पाचनतंत्र पर भी प्रभाव डालती है। डॉक्टरों की मानें तो छोटी आंत में आवश्यकता से ज्यादा बढ़े जीवाणु की वजह से व्यक्ति में तरह-तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। जैसे- पेट फूलना, डकार आना, पेटदर्द, दस्त व वजन में गिरावट, आदि।
बिना सोचे-समझे एसिडिटी की कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए । कई मामलों में इन दवाइयों का प्रभाव थोड़े समय तक ही रहता है और लक्षण वापस लौटकर आ सकते हैं। इन दवाइयों के गंभीर साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जिनमें निमोनिया और हड्डियों से संबंधित समस्याएं भी हैं। जो तुरंत तो दिखाई नहीं देते लेकिन लंबे समय तक इनके सेवन से यह नजर आने लगते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण पर भी प्रभाव डालता है।
एसिडिटी दूर करने के घरेलू उपाय
- पुदीना एसिडिटी दूर करने में सबसे ज़्यादा कारगर है। पुदीना की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसके सेवन से पेट में ठंडक पहुंचती है, जो एसिडिटी को कम करता है।
- यदि गैस की वजह से पेट में दर्द की समस्या हो तो अदरक का सेवन काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
- जीरा हमेशा ही गैस को दूर करने के लिए खाया जाता हैं। जीरे को भूनकर उसका पाउडर बनाकर पानी में घोलकर पीने से पेट दर्द या एसिडिटी पर तुरंत आराम मिलता है।
ये भी पढ़ें –
