Zara Hatke Zara Bachke Review: पिछले दिनों फिल्म के प्रमोशन के दौरान विकी कौशल और सारा अली खान की केमेस्ट्री लोगों को खूब भाई। फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ में मिडिल क्लास कपल की लव लाइफ के साथ साथ उसकी समस्याएं को प्रमोशन में भी दिखाने का उनका आइडिया वाकई जरा हटके ही था। फिर चाहे वो आटो से प्रमोशन के लिए जाना हो या फिर सारा के लिए लोकल मार्केट में शॉपिंग करना।
मिडिल क्लास की जिंदगी के छोटे छोटे पलों के साथ उनकी जिंदगी की जद्दोजहद को दिखाती ‘जरा हटके जरा बचके’ में विकी और सारा की जोड़ी कमाल कर गई। निर्देशक लक्ष्मण उतेकर जिन्होंने ‘लुका छिपी’ और मिमी जैसी फिल्मों के जरिए समाज के कुछ पहलुओं को पर्दे पर दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने इस फिल्म के जरिए भी मिडिल क्लास के अपने घर बनाने की जद्दोजहद को बखूबी दियाया है। फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है आइए आपको बताते हैं कि फिल्म मिडल क्लास की कहानी के जरिए लोगों का मनोरंजन करने में कितना सफल रही।
क्या है कहानी
फिल्म की कहानी इंदौर के कपिल दुबे (विक्की कौशल) और सौम्या चावला दुबे (सारा अली खान) की जिंदगी का मिडिल क्लास कपल के रूप में दर्शाती है। दोनों फैमिली के साथ एक छोटे से घर में रहते हैं। कपिल योगा इंस्ट्रक्टर है और सौम्या कोचिंग क्लास में पढ़ाती है। परेशानी तब शुरू हो जाती है जब घर में कपिल के मामा-मामी भी आ जाते हैं। मामा-मामी घर छोटा होने की वजह से दोनों को हॉल में सोना पड़ता है। ऐसे में शादीशुदा जोडे को घर में एक दूसरे के साथ समय बिताने के लिए मुश्किलों का सामना करना पडता है। उनकी इस परेशानी से हर मिडिल क्लास कपल रिलेट कर सकता है। सौम्या अपने लिए एक घर का सपना देखने लगती है। कपिल की कंजूसी पहले घर के आडे आती है फिर उसके बाद एक रियल स्टेट एंजेंट से बात बिगड जाती है। उसके बाद सौम्या सरकारी जनआवास योजना के जरिए घर बनाने की कोशिश करता है। लेकिन ये योजना गरीब लोगों के लिए है। घर पाने के लिए दोनों एक जुगाड़ करते हैं और इस चक्कर में बात तलाक तक पहुंच जाती है। आखिर एक-दूसरे से इतना प्यार करने वाले सौम्या और कपिल साथ रहने के सपने देखते देखते तलाक तक कैसे पहुंच जाते हैं, कहानी में ये मोड आखिर क्यों आ जाता है, वो आपको फिल्म में देखने को मिलेगा।
कैसी रही परफार्मेंस
विक्की कौशल आम लोगों के बीच का चेहरा अपने सटीक अभिनय और मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी में बिलकुल फिट लग रहे हैं। ये कहानी शायद हमारे देश के लाखों-करोड़ों लोगों की कहानी सी लगती है। फिल्म में विकी कौशल का अभिनय बेहतरीन लग रहा है। एक मिडिल क्लास आदमी जो अपनी पत्नी से बेशुमार प्यार करता है और अपनी जिंदगी को चलाने के लिए छोटी छोटी बचत करता है उसके सीक्वेंस आपको गुदगुदा जाएंगे। वहीं बाम करें सारा अली खान की तो वे मिडिल क्लास के किरदार में खूबसूरत नजर आई हैं। उनकी अदागारी औसत ही रही। वहीं सपोर्टिंग कलाकारों का अभिनय जोरदार रहा है। राकेश बेदी, कनुप्रिया पंडित,पंडित, इनामुलहक और नीरज सूद ने कमाल का अभिनय किया है।
फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने कमाल की फिल्म बनाई है। वे ऐसे निर्देशक हैं जो वर्तमान में आम जिंदगी की कहानियों को बारीकी से पर्दे पर लाने में सफल रहे हैं। कहीं कहीं पर फिल्म जो खटकती है वो लम्बे सीन्स, अटपटे संवाद जैसी छोटी छोटी गलतियां हैं। राघव रामदास की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है और अमिताभ भट्टाचार्य का संगीत भी अच्छा है।
फिल्म क्यों देखें
अगर आप हल्की फुल्की कहानी और आम जिंदगी को पर्दे पर देखना चाहते हैं तो ये फिल्म जरूर देखें। क्योंकि आजकल बहुत कम ऐसी फिल्में आती हैं जो आम जिंदगी को पर्दे पर लेकर आती हैं। तो अगर आप अपने आस पास की कहानी को देखना चाहते हैं तो सिनेमाघरों की तरफ रूख कर सकते हैं।