Raveena Tandon Rejected Shah Rukh Khan Film 'Darr'
Raveena Tandon Rejected Shah Rukh Khan Film 'Darr'

Overview: रवीना टंडन ने फिल्म ‘डर’ के लिए बोल दिया ‘ना’, जानिए क्या थी वजह

रवीना टंडन ने ‘डर’ जैसी सुपरहिट फिल्म को ठुकराकर अपने आत्मसम्मान और सहजता को प्राथमिकता दी। यश चोपड़ा जैसे दिग्गज डायरेक्टर के ऑफर को मना करना आसान नहीं था, लेकिन रवीना ने दिखा दिया कि एक सच्चा कलाकार वही है जो अपने सिद्धांतों के साथ समझौता न करे।

Raveena Tandon Rejected Film ‘Darr’ : 90 के दशक में यश चोपड़ा की फिल्म ‘डर’ ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। फिल्म ने शाहरुख खान को ‘रोमांटिक विलेन’ के रूप में नई पहचान दी और जुही चावला की परफॉर्मेंस को भी खूब सराहा गया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म की हीरोइन के रूप में शुरुआत में रवीना टंडन को साइन करने की बात चल रही थी। रवीना ने खुद इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने यह रोल इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि फिल्म में कुछ सीन ऐसे थे जिन्हें करते हुए वे सहज महसूस नहीं कर पातीं।

रवीना टंडन को मिला था ‘डर’ का ऑफर

उस दौर में रवीना टंडन बॉलीवुड की उभरती हुई स्टार थीं। उन्होंने ‘पत्थर के फूल’ और ‘दिलवाले’ जैसी फिल्मों से पहचान बना ली थी। तभी यश चोपड़ा की टीम ने उन्हें ‘डर’ के लिए अप्रोच किया। स्क्रिप्ट उन्हें पसंद आई, लेकिन जब उन्होंने कहानी के कुछ गहराई वाले हिस्से पढ़े, तो उन्होंने महसूस किया कि यह रोल उनके लिए भावनात्मक रूप से थोड़ा कठिन होगा।

असहज दृश्यों के कारण लिया इंकार का फैसला

रवीना ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म के कुछ दृश्य उन्हें करने में असहज लग रहे थे। ‘डर’ की कहानी एक ऐसे जुनूनी प्रेमी की थी जो लड़की का पीछा करता है और उसे आतंकित कर देता है। कुछ रोमांटिक और मनोवैज्ञानिक दृश्यों की तीव्रता रवीना के लिए असुविधाजनक थी। उन्होंने साफ कहा, “मुझे स्क्रिप्ट पसंद थी, लेकिन कुछ सीन ऐसे थे जो मेरी सहजता के खिलाफ थे, इसलिए मैंने मना कर दिया।”

यश चोपड़ा का रिएक्शन

जब रवीना ने फिल्म छोड़ने का फैसला लिया, तो यश चोपड़ा ने उनके निर्णय का पूरा सम्मान किया। उन्होंने कहा कि किसी कलाकार की सुविधा और भावनाओं का ख्याल रखना जरूरी है। यश चोपड़ा ने कभी किसी को अपने विज़न के लिए मजबूर नहीं किया। यही वजह है कि रवीना ने हमेशा उनके प्रति सम्मान बनाए रखा और कहा कि यश जी ने उन्हें कभी असहज महसूस नहीं कराया।

जुही चावला बनीं यश चोपड़ा की पसंदीदा नायिका

रवीना के मना करने के बाद यह रोल जुही चावला को ऑफर किया गया। उन्होंने किरदार में इतनी सहजता से जान डाल दी कि फिल्म ब्लॉकबस्टर बन गई। शाहरुख खान का ‘किरण…’ वाला डायलॉग आज भी दर्शकों की यादों में ताजा है। जुही और शाहरुख की जोड़ी ने दर्शकों को बांधकर रखा और फिल्म को बॉलीवुड इतिहास में क्लासिक बना दिया।

रवीना टंडन के आत्मसम्मान भरे फैसले

रवीना ने ‘डर’ को भले ठुकरा दिया, लेकिन आगे चलकर उन्होंने कई दमदार फिल्मों से अपनी जगह पक्की की। ‘मोहरा’, ‘दमन’, ‘शूल’, ‘आंदोलन’ जैसी फिल्मों में उनके प्रदर्शन को खूब सराहा गया। उन्होंने साबित किया कि कोई भी बड़ा मौका अगर आपके मूल्यों या सहजता के खिलाफ हो, तो उसे ठुकराना कमजोरी नहीं, बल्कि हिम्मत है।

‘डर’ की कहानी से मिली सीख

यह किस्सा सिर्फ एक फिल्म को ठुकराने का नहीं, बल्कि एक अभिनेत्री के आत्मसम्मान और सीमाओं की पहचान का प्रतीक है। रवीना टंडन ने उस दौर में भी दिखा दिया कि सफलता सिर्फ बड़ी फिल्मों से नहीं, बल्कि सच्चे फैसलों से मिलती है। आज जब वे पीछे मुड़कर देखती हैं, तो कहती हैं — “हर रोल आपको करना जरूरी नहीं होता, कुछ रोल आपके मूल्यों से टकरा जाते हैं।”

मेरा नाम वंदना है, पिछले छह वर्षों से हिंदी कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हूं। डिजिटल मीडिया में महिला स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, बच्चों की परवरिश और सामाजिक मुद्दों पर लेखन का अनुभव है। वर्तमान में गृहलक्ष्मी टीम का हिस्सा हूं और नियमित...