अंतरराष्ट्रीय उत्सव का दर्जा मिला है कुल्लू दशहरा को, सात दिन का है अनूठा त्यौहार
इस साल मंगलवार, 24 अक्टूबर को उत्सव का शुभारंभ हुआ, जो कि 30 अक्टूबर तक चलेगा।
Kullu Dussehra 2023: दशहरा तो यूं देशभर में सभी जगह मनाया जाता है लेकिन हिमाचल प्रदेश का दशहरा काफी लोकप्रिय है। यहां का कुल्लू दशहरा देश के बाकी त्योहार से बिलकुल अलग है, जिसे अंतरराष्ट्रीय उत्सव का दर्जा मिला है। देश के बाकी जगहों पर दशहरा के त्योहार खत्म होता है, वहीं यह कुल्लू दशहरा शुरू होता है और यह उत्सव एक सप्ताह तक चलता है। इस साल मंगलवार, 24 अक्टूबर को उत्सव का शुभारंभ हुआ, जो कि 30 अक्टूबर तक चलेगा। कुल्लू का ढालपुर मैदान कुल्लू दशहरा के उत्सव का केंद्र है। इस उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा सबसे महत्वपूर्ण होती है।
इसका इतिहास 17वीं शताब्दी का है जब स्थानीय राजा जगत सिंह ने तपस्या के प्रतीक के रूप में अपने सिंहासन पर रघुनाथ की एक मूर्ति स्थापित की थी। इस रथयात्रा के साथ क्षेत्र के देवी-देवताओं के रथ भी साथ चलते हैं। इसे देव मिलन के रूप में माना जाता है। जिले के सैकड़ों देवी देवता कुल्लू पहुंचकर एक दूसरे से मिलते हैं। इस साल मनाली के सिमसा गांव के कार्तिक स्वामी तीन दशकों के बाद इस उत्सव में शामिल हुए हैं।
ऐसा माना जाता है कि कुल्लू दशहरा में सालाना 5 से 7 लाख पर्यटक आते हैं। यहां पुतले की जगह बुराई के प्रतीक के रूप में झाड़ियों को जलाते हैं। इस सात दिवसीय उत्सव के दौरान सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होता है और लोग मेले का आनंद लेते हैं।