Summary: चंद्रचूड़ तो हताश थे कि मामला बिगड़ गया
एक इंटरव्यू में चंद्रचूड़ ने अपनी पहली फिल्म को याद किया और बताया कि कैसे उनका ऑडिशन अमिताभ और जया बच्चन ने जज किया था।
Chandrachur Singh: चंद्रचूड़ सिंह ने अमिताभ बच्चन के पहले प्रोडक्शन ‘तेरे मेरे सपने’ से डेब्यू किया। फिर गुलजार की ‘माचिस’ में नजर आए और वे बॉलीवुड के नए सितारे बन गए। शाहरुख खान की फिल्म ‘जोश’ में उन्होंने ऐश्वर्या राय के प्रेमी का किरदार निभाया, जिससे इंडस्ट्री में उनकी पहचान और मजबूत हुई। हाल ही में एक इंटरव्यू में चंद्रचूड़ ने अपनी पहली फिल्म को याद किया और बताया कि कैसे उनका ऑडिशन अमिताभ और जया बच्चन ने जज किया था।
यूट्यूब चैनल द लाइटहाउस बाय समर सरिला से बातचीत में चंद्रचूड़ ने कहा कि ऑडिशन कभी भी “किसी व्यक्ति की कीमत का पैमाना” नहीं होता। उनका मानना है कि इस पेशे में “अभिनेता कई सालों में धीरे-धीरे बेहतर होते हैं।” ‘तेरे मेरे सपने’ के ऑडिशन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे खुद से निराश हो गए थे और हैरान रह गए थे जब उन्हें फिल्म मिल गई।
चंद्रचूड़ को लगा था कि गड़बड़ हो गई
उन्होंने कहा, “मुझे लगा था कि ऑडिशन अच्छा नहीं गया। जैसा कि मैंने बताया, यह कोई पैमाना नहीं है, लेकिन मेरा ऑडिशन मिसेज बच्चन, अमित जी और मेरे निर्देशक सचिन पिलगांवकर ने अलग नजर से देखा। और जो उन्हें पसंद आया… वह कुछ और ही था। उन्हें मुझमें कुछ गुण पसंद आए। मुझे नहीं लगता कि मैंने दुनिया का सबसे अच्छा ऑडिशन दिया था। सच कहूं तो मैं उस ऑडिशन के बाद बहुत हतोत्साहित हो गया था। मैंने सोचा ‘मैंने क्या कर दिया?’”
लगा था कि काम नहीं मिलेगा

चंद्रचूड़ ने कहा कि चूंकि वे लोग अनुभवी थे इसलिए उन्होंने वह चमक देखी जो मुझे खुद अपने अंदर दिखाई नहीं दी। लेकिन उन्होंने कुछ खोज लिया, क्योंकि वे समझते हैं कि कैसे देखना है। वे पेशेवर हैं और बेहतरीन हैं। यह मेरी शुरुआत थी। उन्होंने बताया कि उन्हें यह रोल एक हफ़्ते बाद मिला। वे याद करते हैं, “मुझे लगा था कि मुझे यह काम नहीं मिलेगा। फिर मैंने जया बच्चन को फोन करके रिजल्ट पूछा। उन्होंने कहा, ‘नहीं… नहीं, हमें बताने का मौका नहीं मिला कि हमें तुम बहुत पसंद आए और तुम सिलेक्ट हो गए हो।’ तब मैंने सोचा ‘अरे यार, मैं तो सबसे बुरा सोच रहा था।’”
अमिताभ की सीख काम आई
उन्होंने अमिताभ बच्चन की एक सलाह भी याद की। वे बताते हैं “बच्चन साहब ने एक बार मुझसे कहा था कि कैमरे के सामने आप बिल्कुल अकेले होते हैं। एक स्तर पर आपको जुड़ाव महसूस होता है, लेकिन जैसे ही कैमरा ऑन होता है, वहां कोई नहीं होता जो आपका हाथ थामे। आपको खुद ही सब करना होता है।” बता दें कि तेरे मेरे सपने अमिताभ बच्चन की कंपनी एबीसीएल के बैनर तले बनी थी। यह फिल्म ठीक-ठाक कमाई भी नहीं कर पाई थी, जिसने कुछ साल बाद इस कंपनी को दिवालियापन की स्थिति में पहुंचा दिया। एबीसीएल के नुकसान का घाव अमिताभ पर इस तरह लगा कि उन्हें लोगों के पास उधार चुकाने के लिए काम मांगने जाना पड़ा। तब यश चोपड़ा ने उन्हें ‘मोहब्बतें’ में काम दिया और फिर केबीसी आया। दूसरी ओर, चंद्रचूड़ ‘क्या कहना’, ‘दिल क्या करे’ जैसी फिल्मों में नजर आए। हाल ही में वे अक्षय कुमार की फिल्म ‘कटपुतली’ में दिखे थे।
