अनिरुद्ध दवे हालही में सब टीवी पर शुरू हुए कॉमेडी शो ‘यारो का टशन’ में यारो नाम के रोबो के किरदार में नजर आ रहे है। बचपन से थिएटर के शौक ने ही उन्हें एक्टर बना दिया। टीवी शो के साथ-साथ वो फिल्म ‘शोरगुल’ में भी नजर आए। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश –

 
इस टीवी शो में अपने रोबोट रोल के बारे में कुछ बताएं ?
 
दरअसल ‘यारो’ एक ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसका अविष्कार सुपर जीनियस वैज्ञानिक गोवर्धन अग्रवाल ने किया है। उसके अन्दर एक कृत्रिम दिल फिट किया गया है। इसी वजह से वह रोबोट होने के बावजूद इमोशंस भी फील करता है। 
 
आपके किरदार का नाम यारो ही क्यों रखा गया?
 
क्योंकि यारो जो है वो वाकई में यारो का यार है। जिन्होंने इस रोबोट को बनाया है यानि की राकेश बेदी जी उन्होंने उसमें दोस्ती के सॉफ्टवेयर डाले हैं इसीलिए यारो अपने दोस्तों को दिल से चाहता है।
 
आपने कब तय किया की आपकी मंजिल एक्टिंग ही है।
 
मैं स्कूल के समय से ही थिएटर करता था। लोग मेरी तारीफ करने लगे। बस तभी से मन में था कि एक्टर ही बनूंगा। उसके बाद दिल्ली आया यहां प्रसिद्ध नाटक किए और फिर मुंबई चला गया अपनी किस्मत आजमाने।
 
अपने बिजी शैड्यूल से समय निकालकर क्या करना पसंद करते हैं?
 
मेरा 12 घंटे का शैड्यूल टीवी में रहता है। बहुत चाहता हूँ कि थिएटर से जुड़ा रहूँ लेकिन समय नहीं मिल पाता। लेकिन खाली समय में म्यूजिक इंस्टूमेंट बजाना पसंद करता हूँ। इससे मुझे बहुत शांति मिलती है।
 
कोई ऐसी बात जो लोग अनिरूद्ध के बारे में न जानते हों ?
 
मैं बहुत ओपन किस्म का शख्स हूँ किसी से कुछ भी नहीं छुपाता बस हमेशा कोशिश करता हूँ कि अपने किरदार को दूसरों से अलग और बेहतर करूं और पूरी उम्र इसी तरह का एटीट्यूड बनाए रखूं। 
 
रोबोट की ऐसी कौन सी पावर है जो आप रियल लाइफ में यूज करना चाहेंगे?
 
रोबोट कभी झूठ नहीं बोलता इसीलिए मैं क्या हर किसी को इस पावर को इस्तेमाल करना चाहिए। न बोलेंगे झूठ न होगा करप्शन।