उन्होंने मकर संक्रांति को लेकर अपने दिल बाते भी हमारे साथ शेयर की जानिए किसने क्या कहा।
दृष्टि धामी –
दृष्टि धामी जो एक था राजा -एक थी रानी में गायत्री के किरदार में नज़र आ रही है उन्होंने कहा कि ये एक बहुत ही रंगीन और जीवंत त्यौहार है। इस त्यौहार पर पतंग उड़ाना ,मिठाइयां खाना पूरा दिन पतंग उड़ाना ये सब मुझे बहुते बहुत पसंद है। पिछले सालो से मुंबई में होने के कारन मुझे ये त्यौहार गुजरात में मानाने का मौका नहीं मिल पाया है।

कार्णिक
एक था राजा एक थी रानी में ही राणाजी का किरदार निभा रहे कार्णिक कहते है कि आकाश में उड़ती हुयी पतंगों को देखना और हवा का आनंद लेना यही तो है संक्रांति। इस त्यौहार पर मेने अपने कुछ दोस्तों को फ़ोन किया और हम सबने मिलकर धमाल किया। वैसे बचपन में इस त्यौहार से मेरी कुछ बुरी यादे जुडी हुई है।

रिंकू करमारकर
ताई के र्रोम में रिंकू करमारकर कहती है कि मकर संक्रांति हिंदुओं के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है, इसे भक्ति और जोश के साथ देश भर में मनाया जाता है.इस दिन तिल का लड्डू किसी बर्तन में रखकर कुमकुम -हल्दी के साथ महिलाओ को दिया जाता है। में जन्म से एक पंजाबी हु और हमारे यहाँ मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर अलाव जलाकर लोहरी की पूजा की जाती है। मिठाई, गन्ना और चावल को सभी दोस्त और रिश्तेदार अलाव में डालते है और पूजा करते है। इस त्यौहार को मुझे अपने परिवार के साथ मनाना बहुत पसंद है।

हर्ष राजपूत
सिंदबाद का किरदार निभा रहे हर्ष राजपूत ने कहा कि मेरे लिए मकर संक्रांति का मतलब है आमतौर पर सुबह जल्दी उठना और पतंग उड़ाना और छत पर एक डीजे सिस्टम लगाकर घर अपने सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने घर बुलाकर मस्ती करना। बचपन में इस दिन मै अपनी माँ के हाथ के लड्डू खाता था और गुजरात में ये दिन मेरे लिए बहुत ही ख़ास होता था।
