Chakda Xpress Movie: झूनल गोस्वानी वो नाम जिसने महिला क्रिकेट में भारत में नई संभावनाओं को तलाशने और आगे बढ़ाने का काम किया। जब बहुत कम लोग महिला क्रिकेट के बारे में जानते थे, उस वक्त क्रिकेट में करियर बनाने के सपने देखना। क्रिकेट में बहुत कम प्लेयर्स वो मुकाम हासिल कर पाते हैं जिस पर कोई फिल्म बनाए। महिला क्रिकेट टीम की प्लेयर रह चुकी झूलन गोस्वानी उस श्रेणी में ही आती हैं। तेज गेंदबाज झूलन की बायोपिक ‘चकदा एक्सप्रेस’ में अनुष्का शर्मा उनके किरदार को निभा रही हैं। झूलन ने अपने करियर में इस मुकाम को पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया है। उनके संघर्ष को पर्दे पर दिखाने के लिए और झूलन के किरदार में जान डालने के लिए अनुष्का ने कड़ी मेहनत की है। ‘चकदा एक्सप्रेस’ जल्द ही ओटीटी प्लेटफार्म नेटफिल्कस पर रिलीज होगी।
Chakda Xpress Movie: अनुष्का ने झूलन के किरदार के लिए की है कड़ी मेहनत
किसी खिलाड़ी के किरदार को पर्दे पर निभाना आसान काम नहीं है। इसके पहले भी धोनी, सचिन, सायना नेहवाल और महिला क्रिकेटर मिताली राज की बायोपिक बन चुकी है। इसलिए अनुष्का के लिए ये बड़ी चुनौती थी कि वे झूलन के किरादार के लिए एक खिलाड़ी की तरह ही पर्दे पर दिखें। अनुष्का ने इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी । उन्होंने फिल्म के लिए क्रिकेट की ट्रेनिंग भी की। उन्होंने इंग्लैंड जाकर अपने क्रिकेट के कौशल को बेहतर बनाया। झूलन की तरह गेंदबाजी करना और उनकी तरह चलना बात करना ये सब करने के लिए उन्होंने झूलन की मदद ली। फिल्म के ट्रेलर में ही अनुष्का की मेहनत की झलक देखने को मिल रही है। यही नहीं उन्होंने झूलन का किरादार निभाने के लिए बंगाली भाषा सीखने और उनकी तरह बोलने के लिए भी कड़ी मेहनत की है। अनुष्का आखिरी बार पर्दे पर ‘जीरो’ में किंग खान के साथ नजर आईं थीं। लम्बे समय के बाद वे पर्दे पर फिर से नजर आने वाली हैं। अनुष्का शर्मा और उनके भाई कर्णेश शर्मा की क्लीन स्लेट फिल्म ‘चकदा एक्सप्रेस’ को प्रोड्यूस कर रही है। फिल्म का डायरेक्शन प्रोसित रॉय ने किया है।
महिलाओं को प्रेरित करने वाली कहानी हैं ‘चकदा एक्सप्रेस’
अनुष्का शर्मा ने झूलन गोस्वामी को महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया है। उनके मुताबिक फिल्म कई उदाहरणों की एक ड्रमैटिक रीटेलिंग है जिसने उनके जीवन और महिला क्रिकेट को भी आकार दिया है। सपोर्ट सिस्टम से लेकर सुविधाओं तक, खेल खेलने से लेकर स्थिर आय तक, यहां तक कि क्रिकेट में भविष्य बनाने तक – भारत की महिलाओं ने क्रिकेट को एक पेशे के रूप में अपनाने के लिए बहुत कम प्रेरित किया। झूलन का क्रिकेट करियर एक संघर्षपूर्ण और बेहद अनिश्चित क्रिकेट करियर रहा और वह अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए प्रेरित करती रहीं, यही नहीं अनुष्का ने झूलन और इस फिल्म के बारे में अपने विचार व्यक्त किए कि ”यह सच में एक खास फिल्म है क्योंकि यह एक बलिदान की कहानी है। चकदा एक्सप्रेस उनके जीवन और वक्त से प्रेरित है। पूर्व भारतीय कप्तान झूलन गोस्वामी और यह महिला क्रिकेट की दुनिया के बारे में यह फिल्म आंखें खोलने वाली होगी। एक ऐसे दौर में झूलन ने क्रिकेटर बनने और अपने देश को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करने का फैसला किया, जब महिलाओं के लिए खेल खेलने के बारे में सोचना भी बहुत मुश्किल था।”
झूलन के संघर्ष और जुनून की कहानी
कोई उन्हें बाबुल के नाम से जानता है, कोई चकदा एक्सप्रेस के नाम से बुलाता है, तो कोई उन्हें बॉल गर्ल के नाम से जानता है। पश्चिम बंगाल के छोटे से कस्बे चकदहा में जन्मी झूलन ने 15 वर्ष की आयु में क्रिकेट में करियर बनाने का निश्चय किया। उनके लिए ये आसान नहीं था। उनके घरवाले भी शुरू में इस निर्णय के खिलाफ थे। उनके गांव के पास क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए सुविधाएं नहीं थीं। लेकिन झूलन ने अपने सपने के आड़े किसी भी मुश्किल को नहीं आने दिया। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून ही था जिसकी वजह से वे 80 किमी पैदल जाकर ट्रेनिंग करती थीं। यही नहीं उन्हें ट्रेनिंग के दौरान भी बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा । ट्रेनिंग के दौरान लड़के उनका मजाक उड़ाते और उन्हें खेलने नहीं देते। वे तेज गेंदबाज बनना चाहती थीं। लोगों का मानना था कि कोई लड़की तेज गेंदबाज नहीं बन सकती। सबकी इस सोच को झूलन ने अपने दृढनिश्चय से गलत साबित किया।
झूलन ने अपनी तेज गेंद से चटकाए हैं कई अवार्ड
साल 2002 में झूलन की मेहनत रंग लाई। यही वो समय था, जब 19 साल की उम्र में उन्होंने भारत के लिए पहला वनडे मुकाबला खेला। 2006 में वे टीम इंडिया की टी20 टीम में भी शामिल हो गईं। उन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से महिला टीम को कई मैच जिताने में अहम किरदार निभाया।
उन्होंने भारत के लिए अब तक 192 वनडे मैच में 240 विकेट लिए हैं। यही नहीं उन्होंने 68 टी20 मैचों में 56 विकेट और 12 टेस्ट में 44 विकेट अपने नाम किए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में वे दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर बनीं जिन्होंने 2000 से अधिक ओवर किए हैं। यही नहीं महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में वे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं। झूलन टीम इंडिया की कप्तान भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2010 के विश्व कप में भारत की अगुवाई की थी और टीम सेमीफाइनल तक पहुंची। आईसीसी वनडे रैकिंग में भी झूलन दूसरे नंबर पर हैं। क्रिकेट के लिए झूलन पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार जैसे सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं।
