निर्देशक- अभिषेक चौबे
कलाकार- शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर, दिलजीत दोसांझ
अवधि – 2 घंटे 33 मिनट
ये कहना गलत नहीं होगा कि निर्देशक अभिषेक चौबे ने इस फिल्म में सच को पूरी इमानदारी से परोसा है। उन्होंने पूरी फिल्म को डार्क शेड में प्रस्तुत किया है। उन्होंने न ड्रग्स की लत में डूबे रॉकस्टार को हीरो बनते दिखाया न ही ड्रग्स माफिया की चंगुल में फंसी मजदूर लड़की को हीरोइन बनाकर दिखाया और यही वजह है कि ये फिल्म वास्तविक लगती है।
उड़ता पंजाब एक नज़र में…
कहानी- फिल्म की कहानी एक रॉकस्टार (शाहिद), बिहार से काम करने आई एक मजदूर लड़की(आलिया), ड्रग्स के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली एक डॉक्टर(करीना) और सिस्टम से जुड़े एक कॉप(दिलजीत) पर आधारित है जिनकी लाइफ किसी न किसी तरह से ड्रग्स से प्रभावित हुई है। किरदारों के चयन से ही निर्देशक ने ये साफ कर दिया है कि ड्रग्स की ये समस्या किस कदर राज्य में फैली हुई है।
शाहिद कपूर- फिल्म में रॉकस्टार टॉमी सिंह के किरदार में शाहिद कपूर ने जबरदस्त एक्टिंग की हैए लेकिन कहीं.कहीं वो बहुत लाउड भी लगते हैं। इस फिल्म से जिस स्टार में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया हैए वो है आलिया भट्ट।
आलिया भट्ट- आलिया ने अपने किरदार को वास्तविक बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी फिर बात चाहे फिल्म में उनके लुक्स की हो या उनकी ज़बान की। जिस सीन में शाहिद और आलिया मिलते हैं, वो सीन दर्शकों को थिएटर से निकलने के बाद भी याद आएगा। इस सीन में आलिया बेहतरीन है।

करीना कपूर- ड्रग्स के खिलाफ लड़ने वाली डॉक्टर की भूमिका में करीना के पास कुछ नया करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन फिर भी कुछ सीन्स में उन्होंने अच्छा काम किया है। इस फिल्म में करीना का लुक बिलकुल सादा है और कहानी के अनुसार इस कोशिश ने उनके किरदार को वास्तविक बना दिया है।
दिलजीत दोसांझ- पंजाब के सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत यादगार भूमिका से की है और ये कहना गलत न होगा कि उनके बॉय-नेक्स्ट-डोर वाले लुक्स और अपनी सहज एक्टिंग से जल्द ही हिन्दी मूवी लवर्स के बीच छा जाएंगे।
विवादों में घिरी इस फिल्म में कुछ कमियां भी थीं…
- फिल्म के हर दूसरे डायलॉग में गाली है। जो लोग नशे में हैं वो तो गाली देते ही हैं, जो नशे में नहीं हैं वे भी गालियों का भरपूर इस्लेमाल करते हैं।
- ऐसी गंभीर विषय में बनी फिल्म में करीना और दिलजीत के कुछ सीन्स बहुत हल्के या ड्रामा-से लगते हैं, जैसे जिस सीन में करीना स्कूटी पर दिलजीत के पीछे आती हैं या दोनों का छानबीन करने गोदाम में पहुंच जाना।
- बेशक फिल्म की कहानी का गढ़ पंजाब है और निर्देशक ने पंजाबी डायलॉग्स फिल्म को वास्तविक दिखाने के लिए रखे होंगे, लेकिन फिल्म में पंजाबी भाषा का इस्लेमाल इतना ज्यादा है कि जिन लोगों को पंजाबी नहीं आती उन्हें कुछ डायलॉग समझ में नहीं आएंगे।
फाइनल डिसीज़न
अगर आपको गंभीर विषय और डार्क फिल्में देखना पसंद है या आप कुछ अलग देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपको बेहद पसंद आएगी। हमारी राय है कि इस फिल्म को 18 साल की उम्र से अधिक के सभी युवा देखें क्योंकि इस फिल्म से ये संदेश साफ-साफ मिलता है कि किसी भी हालत में ड्रग्स लेना हानिकारक ही है।
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