जैसे-जैसे चुनाव समीप आते जा रहे थे। सरकारी व गैर सरकारी पार्टियों की जनसभाएं चक्रवृद्धि-ब्याज सी हो रही थीं। सीमा के शहर में भी आए दिन ऐसी जनसभाएं होती रहती थीं। परंतु राजनीति से दूर रहने के कारण वह ऐसी सभाओं में नहीं जाती थी। आज की जनसभा में उसे विशिष्ट अतिथि के तौर पर […]
