Osho: जब भी मैं ओशो की बात करती हूं लगता है कि खामोशी की ओर एक संकेत भर हो पाया है, इससे अधिक कुछ नहीं हुआ। खामोशी का अनुवाद नहीं होता, यह सिर्फ उसकी गाथा है जो कुछ-कुछ अनुवाद में उतरती है और अंतर अनुभव का संकेत सा बनती चली जाती है। इसलिए गाथा की […]
