Hindi Motivational Story: तेज धूप में मीना के कदम तेजी से घर के तरफ़ मुड़ रहे थेआत्मा से आवाज़ आ रहा था। ‘बावड़ी- थोड़ा रुक के कोल्डड्रिंक पीते हैं’लेकिन घर आने वाले महेमानो की मेहमान नवाज़ी घर जाने के लिए प्रेरित कर रहा थामध्यम वर्गीय परिवार और अगर घर में एक ही कमाने वाला हो […]
Author Archives: अभिलाषा श्रीवास्तव
Posted inकविता-शायरी
नारीत्व-गृहलक्ष्मी की कविता
Hindi Poem: पौधों में पानी देतींकभी फुलों को सहलातीघर आंगन सुसज्जित करतींदिपक की लौ जलातीकभी फ्रिजतो कभीकूलर के पास होतींआखिर ढूढंती क्या रहतींघर तेरा अधिकार तेराफिर उपेक्षित क्यों रहतीं बातें बड़ा अनोखा साकौन सा रहस्य आखिर थाघर आंगनखुद पे खड़े- खड़ेंबड़े दिनों बाद खिलखिलाएं थेघर के आंगन में खडी़निर्दोष सीढ़ी तब बोलींजमीन और छत को […]
