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एंटीबायोटिक्स का सेवन करने पर कई बार लोग असहज महसूस करते हैं। उन्हें कब्ज, ऐंठन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता है तो एक तरीका आपके काम आ सकता है। जिससे पेट की कोई परेशानी नहीं होगी।
food to Minimize Antibiotic Side Effects: आज के समय में एंटीबायोटिक दवाएं लिए बिना बीमारियां पीछा नहीं छोड़ती हैं। फिर चाहे बात किसी प्रकार के इंफेक्शन की हो या फिर वायरल की, डॉक्टर्स एंटीबायोटिक्स जरूर लिखते हैं। ये दवाएं संक्रमण तो ठीक कर देती हैं। लेकिन कई बार इनसे पेट संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता है तो एक तरीका आपके काम आ सकता है। जिससे पेट की कोई परेशानी नहीं होगी।
इसलिए होता है पेट खराब

एंटीबायोटिक्स का सेवन करने पर कई बार लोग असहज महसूस करते हैं। उन्हें कब्ज, ऐंठन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। दरअसल, एंटीबायोटिक्स हानिकारक बैक्टीरिया के साथ ही आंतों में मौजूद अच्छे यानी गुड बैक्टीरिया पर भी असर करती हैं। ये गुड बैक्टीरिया पाचन तंत्र से लेकर इम्यून सिस्टम तक, कई जरूरी कामों में मदद करते हैं। ऐसे में जब एंटीबायोटिक्स इन्हें कमजोर कर देती हैं तो पेट से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।
बीमारी तुरंत ठीक होती है, आंत नहीं
गंभीर बात यह है कि एंटीबायोटिक दवाएं लेने से भले ही आपकी बीमारी तुरंत ठीक हो जाती है। लेकिन आंतों की सेहत को पूरी तरह से ठीक होने में कई हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है। यह बात कई अध्ययनों में भी सामने आई है। हालांकि हेल्दी डाइट, संतुलित जीवनशैली और वातावरण का भी इसमें बड़ा रोल होता है।
स्पेशलिस्ट से जानें सेहत का राज
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सलहब ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि एंटीबायोटिक लेने के बाद कौन से खाद्य पदार्थ आपकी आंतों के बैक्टीरिया को फिर से मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। डॉ. सलहब बताते हैं कि कुछ खास तरह के खाने की चीजें आंत को ठीक करने में तीन तरह से काम करती हैं। इसलिए अगर आप एंटीबायोटिक दवाएं ले रहे हैं तो इनका सेवन भी जरूर करें।
1. फर्मेंटेड फूड्स
खमीर उठे हुए भोजन के माध्यम से अच्छे बैक्टीरिया सीधे शरीर में पहुंचाते हैं। इनमें फर्मेंटेबल फाइबर होता है जो शरीर में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को बढ़ाते हैं। वहीं फाइबर से आंतें सेहतमंद रहती हैं। सादा दही, साडो ब्रेड, केफिर, बिना प्रिजर्वेटिव का सौकरकूट, किम्ची, मिसो पेस्ट आदि इसी लिस्ट में शामिल है।
2. प्रीबायोटिक फूड्स
प्रीबायोटिक फूड्स उन गुड बैक्टीरिया को खाना देते हैं जो पहले से आंत में मौजूद हैं। ऐसे में इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। लहसुन, प्याज, ओट्स, जौ, केला, छिलके सहित सेब, चोकर वाले अनाज, लीक, डंडेलियन साग, जेरूसलम आर्टिचोक सी श्रेणी में आते हैं।
3. पॉलीफेनोल युक्त फूड्स
ये आंतों में ऐसा अनुकूल माहौल बनाते हैं जिसके कारण हानिकारक बैक्टीरिया अपने आप कम होने लगते हैं। इतना ही नहीं ये अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने में भी मददगार होते हैं। ग्रीन टी, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, ब्रोकोली, केल, शतावरी, अखरोट, अलसी के बीज, चिया बीज आदि पॉलीफेनोल का अच्छा सोर्स होते हैं।
इस लिस्ट को शामिल करें डाइट में
डॉ. सलहब के अनुसार इन चीजों को अपनी डेली डाइट में शामिल करने से आंतें सेहतमंद रहती हैं। क्योंकि इन चीजों में मौजूद फाइबर को पचाकर हमारी आंत गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाती है। इससे पाचन भी बेहतर होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है।
