Ae Watan Mere Watan Trailer : इन दिनों बॉलीवुड स्टार्स अपने फैंस के लिए एक से एक नई फिल्में और वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं। अभिनेत्री सारा अली खान भी एक नई फिल्म नज़र आएंगी। जी हाँ सारा अली खान फिल्म ‘ऐ वतन मेरे वतन’ में नज़र आएंगी। फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होते ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर फिल्म का ट्रेलर कैसा है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। फिल्म ‘ऐ वतन मेरे वतन’ का निर्देशन कन्नन अय्यर कर रहे हैं। फिल्म प्राइम वीडियो पर 21 मार्च को रिलीज़ होगी।
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सारा का नया अंदाज़
फिल्म ऐ वतन मेरे वतन का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है। फिल्म के ट्रेलर में सारा अली खान एकदम अलग अंदाज़ में नज़र आ रही हैं। सारा स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका में नज़र आ रही हैं। ट्रेलर उस दौर के भारत को दिखाता है जब देश पर पूरी तरह से अंग्रेज़ों का राज था। जब बोलने और सोचने की आज़ादी नहीं थी। सारा ट्रेलर में एक क्रांति करती नज़र आ रही हैं बोलने की क्रांति वो भी रेडियो के माध्यम से। ‘अंग्रेज़ों ने हमसे सोचने और बोलने की शक्ति छीन ली है इसलिए आप कहते हैं कि अँगरेज़ नहीं तो कौन?, क्यों हम करोड़ों भारतीय हैं हम चलाएंगे अपना देश उखाड़ फेंकेंगे उनसब को जिनको लगता है कि वो भारत चला रहे हैं’। इस दमदार डायलॉग को बोलती सारा नज़र आती हैं। इसके साथ ही कई और भी डायलॉग सुनने मिलते हैं। ट्रेलर में सारा अली खान , इमरान हाश्मी , सचिन खेडेकर , अभय वर्मा और स्पर्श श्रीवास्तव नज़र आ रहे हैं। ट्रेलर काफी पसंद किया जा रहा है।
क्या है कहानी
फिल्म के ट्रेलर में सारा अली खान की आवाज़ में एक डायलॉग है कि ‘ आप मुझे जान से मार सकते हैं पर ज़िंदा रहते ये रेडियो बंद नहीं होने दूंगी ‘ , इसे सुनते ही आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कहानी किस पर आधारित है। तो जान लीजिये कि सारा अली खान फिल्म ऐ वतन मेरे वतन में जिस हिम्मती महिला का किरदार अदा कर रही हैं वो उषा मेहता हैं। वकालत की पढ़ाई करने वाली उषा मेहता आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाली भारत की एक दमदार आवाज़ थीं। उन्होंने रेडियो के द्वारा आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उषा मेहता न केवल आंदोलन करती बल्कि रेडियो से जनता को जागरूक करती थीं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके जीवन पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। उनसे प्रेरित होकर उन्होंने देश के लिए आज़ादी की लड़ाई लड़ी। सन 2000 में उनका देहांत हो गया।
