पति-पत्नी में तकरार और अविश्वास लगभग हर गृहस्थी में प्रवेश करता जा रहा है। वास्तव में हम सुखी दाम्पत्य के तीन प्रमुख सूत्रों को भूलते जा रहे हैं ये सूत्र हैं आदर, विश्वास और प्रेम।दाम्पत्य जीवन की ख़ुशियों के लिए पति-पत्नी को प्यार,विश्वास और समझदारी के धागों से मज़बूत बनाना पड़ता है, छोटी छोटी बातें इग्नोर करनी होती हैं,संकट की घड़ी में एक दूसरे का सहारा बनना पड़ता है,लेकिन कई बार दूरियाँ इतनी बढ़ जाती हैं कि रिश्ता टूटने के कगार तक पहुँच जाता है.यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो ,समय रहते ही क़दम उठाएं

१-पति को ख़ुशहाल शादी शुदा जोड़े से मिलने और दोस्ती बढ़ाने के लिए प्रेरित करें-एक अध्ययन के अनुसार,यदि आपके निकट सम्बंधी या मित्र ने डाईवोर्स लिया है तो आप के द्वारा डाईवोर्स लिए जाने की सम्भावना ७५% बढ़ जाती है,इसके विपरीत यदि आप के प्रियजन सफल वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं तो पति को उन्हीं मित्रों के पास जाने के लिए प्रेरित करें.आपका रिश्ता भी वैसा ही मज़बूत होगा.
२-एक दूसरे को समय दें-“आपके पास तो मेरे लिए समय ही नहीं होता”ये शिकायत करने के बजाय आत्मविश्लेशण करें कि आप ख़ुद उन्हें कितना समय देती हैं?कुछ अपनी कहें,कुछ उनकी भी सुने,अपने पति को आपकी ज़िन्दगी में आने के लिए शुक्रिया करें,उनके बारे में जानने की कोशिश करें.
३-एक दूसरे की इज़्ज़त करें-यदि आपके पति आपको छोटी छोटी बातों पर नीचा दिखाने या गाली गलौच करने की कोशिश करते हैं तो ,उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार करने के बजाय ,आप उन्हें,प्यार से समझाएँ,कि यदि ,आप भी ऐसा ही व्यवहार ,उनके साथ करें तो उन्हें कैसा महसूस होगा?

४- विश्वास कम न होने दें-दाम्पत्य जीवन का केंद्र भी विश्वास है और परिधि भी विश्वास.न शक करें,और न ही शक को अपने रिश्ते के बीच ,पाँव पसारने दें,क्योंकि एक बार अगर यह शक आ जाता है तो पूरी ज़िंदगी लग जाती है टूटी कड़ी जोड़ने में.
५-ग़लतियाँ और कमियाँ न निकालें-छिद्रान्वेशण की आदत छोड़ दें,न ही पति की इस आदत को ,उन पर हावी ही होने दें.एक साथ बैठकर ,आपस में बातचीत करके विश्लेषण करें कि,यदि आपदोनो ने कुछ ग़लत किया है तो,अच्छा भी किया होगा.संकल्प लें कि,बुरी बातों को छोड़ कर अच्छी बातों को ही याद रखेंगे.
६-माफ़ी माँगना सीखें-ग़ल्ती होने पर माफ़ी ज़रूर माँगें,क्यों कि ‘सौरी ‘कहने से कोई छोटा नहीं हो जाता बल्कि ,इज़्ज़त मिलती है और रिश्ते की गरिमा भी बनी रहती है
७-तारीफ़ ज़रूर करें-सिर्फ़ अपनी तारीफ़ की ही अपेक्षा करना ग़लत है.यदि अपनी तारीफ़ की आप उम्मीद करती हैं तो अपने साथी की प्रशंसा भी ज़रूर करें.यदि किसी चीज़ की ज़रूरत महसूस हो रही हो तो खुलकर उन्हें बताएँ.और उन्हें भी ऐसा करने को कहें.हर कोई अंतर्यामी नहीं होता कि ,बिना बताए ही किसी के मन की बात जान ले.
८-प्यार को कभी ख़त्म न होने दें– शादी के बाद डेटिंग जैसी चीज़ों को ख़त्म न करें. यदि आपके पति कुछ भूल रहे हैं तो उन्हें याद कराने में हिचकिचाएँ नहीं. “आई लव यू”बस ये तीन शब्द आपके शादी शुदा ज़िंदगी में संजीवनी बूटी का काम करेगा.
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