‘दीदी, मम्मी कहाँ हैं?’ ‘रसोईघर में और हाँ बेला, क्या हुआ तुम्हारे कॉलेज का?’ ‘दाखिला मिलने की आशा तो है, जन्म का सर्टिफिकेट मांगा है।’ ‘वह तो मिल ही जाएगा, चलो जरा मेज-कुर्सियाँ लगा लें।’ नीलकंठ नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 ‘अभी आई दीदी-’ यह कहते हुए वह […]
