किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रध्वज सम्मान एवं गौरव का प्रतीक होता है। राष्ट्रभक्त लोग अपने ध्वज की गरिमा बनाए रखने के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर देते हैं। इसका अपमान पूरे देश का अपमान माना जाता है। प्रत्येक देश में राष्ट्रध्वज के प्रयोग के लिए संहिता बनी होती है। भारत में भी राष्ट्रध्वज के सम्मान के लिए ‘राष्ट्रध्वज संहिता’ बनी हुई है जिसमें राष्ट्रध्यक्ष बनाने तथा उसके प्रयोग के नियम बताए गए हैं।
