जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क में थोड़ी विक्षिप्तता, पागलपन, उन्माद, चिड़चिड़ापन अस्थिरता, अनिश्चितता, अत्यधिक क्रोध, अकर्मण्यता और अत्यधिक आलस्य की स्थिति पैदा हो गई है, यदि वह ज्ञान मुद्रा रूपी परम औषधि का प्रयोग करें तो निश्चित ही उनके मस्तिष्क संबंधि स्वास्थ्य में स्वाभाविकता आ जाएगी। प्राचीन काल में एक राजा को मस्तिष्क संबंधी विकार, मानसिक […]
