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अनमोल पलों के लिए – गृहलक्ष्मी कहानियां

मैं तुम्हें पाना चाहता हूं सम्पूर्ण रूप से। इस तरह पाना कि मुझे लगे मैंने तुम्हें पा लिया है। अब चाहे तुम इसे जो भी समझो। पुरूषों का पे्रम ऐसा ही होता है जिसे वे प्यार करते हैं उसके मन के साथ-साथ तन को भी पाना चाहते हैं। तुम इसे वासना समझती हो तो ये तुम्हारा समझना है।

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