बाई से काम कराते हुए अक्सर हमें साफ-सफाई की चिंता हो जाती है. लगता है बाई कहीं ये गन्दा न छोड़ दे या वो साफ न करे. इसके साथ अगर बाई खाना भी बनाती है तो खाना कहीं गन्दी तरह से ना बना दे. हायजीन की कमी का असर परिवार की सेहत पर भी पड़ सकता है. ये सारी चिंताएं अक्सर परेशान करती हैं तो बाई से अपनी बात कहने का समय आ गया है. उसे बताने का समय आ गया है कि साफ रखना बेहद जरूरी होता है. अब जब कोरोना संक्रमण फ़ैल रहा है तो ये और भी जरूरी हो जाता है. मगर हाइजीन पर ध्यान न देने वाली बाई आपके कुछ क़दमों के बाद बदलेगी जरूर-
साफ-सफाई के बिना काम नहीं-
अगर आपकी बाई साफ-सफाई पर जरा भी ध्यान नहीं देती है तो भले ही कितनी भी मुश्किल से मिली हो उसे ऐसा न करने के लिए सख्ती से कहना होगा. ये पहला विकल्प है आपके पास. पर अगर बाई सालों से इसी तरह काम कर रही है तो उसके लिए इस तरह की सोच से बाहर आना मुश्किल होगा.
बीमारियों का घर-
हायजीन से रहना जहां स्वस्थ्य जीवन की निशानी है वहीँ गंदगी से रहना बीमारियों को ‘वेलकम’ बोलने की तरह है. बाई को भी आपको यही बात बतानी होगी. समझाना होगा और अगले कुछ दिन उसका व्यवहार देखना होगा. हो सकता है उसे आपकी बात समझ आ जाए. पर ये भी हो सकता है कि वो आपकी बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दें.
उसके अपने परिवार को खतरा-
बीमारियों का खौफ भी उसे सुधार नहीं पा रहा है तो उसे परिवार के लिए समझिए. उसे बताइए कि गंदगी से जितना खतरा आपके परिवार को है उतना ही खतरा बाई के परिवार को भी है. उसके परिवार के सदस्य या बच्चे भी गंदगी की वजह से बीमार हो सकते हैं. परिवार की बात आएगी तो जरूर ही वो खुद में सुधर करने के बारे में सोचेगी. देखिएगा वो ये बात समझ जाएगी.
किसी बड़े का डर-
ये तो अक्सर महिलाएं करती हैं. वो सामने वाले को अपने पति या बड़ों के नाराज हो जाने की बात कह कर डराती हैं या अपना काम करवा लेती हैं. ठीक वही काम बाई के साथ भी कीजिए. उन्हें कही कि अगेर वो साफ़ सफाई से काम अनहि करेंगी तो घर के बड़े नाराज हो जाएंगे और हो सकता है उसे काम से भी निकाल दें. इसलिए साफ-सफाई रखने के सिवा उसके पास कोई विकल्प नहीं है.
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