जयपुर को गुलाबी शहर कहा जाता है लेकिन ये महलों का शहर भी है। यहां अनगिनत महल हैं, जिनकी दुनियाभर में पहचान है। ये इतिहास भी खुद में संजोए हैं और अपनी खूबसूरती से लोगों को अचंभित भी कर देते हैं। इनसे जुड़ी कहानियां और बनने की दास्तां दोनों ही अनोखी और अलबेली हैं। इन महलों या कहें किलों में घूमना ना भूलने वाला अनुभव हो सकता है। इन ऐतिहासिक इमारतों को एक बार देख लेने के बाद शायद आप जिंदगी भर के लिए इस अनुभव को महसूस कर पाएंगी। जयपुर के इन महलों की सैर एक बार जरूर करें। इनसे जुड़ी जरूरी बातें चलिए जान लेते है-
आमेर फोर्ट-
जयपुर एयरपोर्ट से 24 किलोमीटर दूर बने इस महल को संगमरमर और बलुआ पत्थर से बनाया गया था। इस किले पर राजा मानसिंह प्रथम ने राज किया था। चार मंज़िला ये महल माओटा झील के लिए भी जाना जाता है। इसके लैंडस्केप भी यात्रियों को खूब आकर्षित करते हैं। यहां आने के बाद महल के वास्तु के साथ म्यूजियम को भी जरूर देखा जाना चाहिए। इसके अलावा रात में होने वाले नाइट और साउंड शो को भी देखा जाना जरूरी हो जाता है। यहां पर आने का समय है सुबह 8 से 5.30 बजे तक। अंदर जाने के लिए 25 रुपए की फीस भी भरनी होती है। 
सिटी पैलेस-
जयपुर का सिटी पैलेस राजस्थान के इतिहास में बड़ा रोल निभाता है। 1729 से 1732 के बीच बने इस महल को ऐतिहासिक वास्तुशिल्प के साथ बगीचे और एंटीक चीजों के लिए भी जरूर जाना चाहिए। यहां पर मुबारक महल और चंद्र महल, राजस्थानी, मुगल और यूरोपियन आर्किटेक के साथ बनाए गए हैं। यहां आए यात्री पैलेस की खूबसूरती के साथ आर्ट गैलेरी और म्यूजियम देख कर हतप्रभ जरूर होते हैं। जयपुर एयरपोर्ट से 13 किलोमीटर डोर बिलकुल शहर के बीच बने इस महल की जंतर-मंतर से दूरी करीब 2 किलोमीटर ही है। 


हवा महल-

जयपुर की शान है ये महल। ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर के नाम पर भी कई बार हवा महल की तस्वीर ही सामने आती है। इसके नाम का मतलब है हवाओं से बनी जगह। साल 1798 में महाराजा सवाईं प्रताप सिंह ने इस पांच मंजिला खूबसूरत इमारत को बनाया था। ये खासतौर पर उन राजसी महिलाओं के लिए बनाया गया था, जो आम जनता के जीवन को देखना समझना चाहती थीं। इसे सिटी पैलेस का ही हिस्सा माना जाता है। जयपुर एयरपोर्ट से इसकी दूरी करीब 12 किलोमीटर है। सुबह 9 से 4.30 बजे तक यहां की रौनक देखी जा सकती है। टिकट मिलेगा सिर्फ 10 रुपए में। 
रामबाग पैलेस-
जयपुर के अनोखे महलों में से एक है रामबाग पैलेस। जयपुर से 8 किलोमीटर दूर बने इस महल को अब ताज होटल में बदल दिया गया है। इसके बनने की शुरुआत से जुड़ी भी एक कहानी है। 1835 में यहां सिर्फ गार्डेन हाउस बनाया गया था। ये हाउस राजकुमार राम सिंह की नर्स के लिए बनाया गया था। फिर करीब 50 साल बाद इस जगह को हंटिंग लॉज बनाया गया। फिर 20वीं शताब्दी में इसे महाराजा सवाईं मान सिंह द्वितीय का निवास बना दिया गया। 47 एकड़ में बसे इस महल राजस्थानी संस्कृति दिखती है, वो भी मॉडर्न असर के साथ। जयपुर एयरपोर्ट से ये जगह 11 किलोमीटर दूर है। 

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