जब बच्चे के नाम के पीछे सरनेम लगता है न तो बड़े गर्व से बच्चे कहते हैं, देखा मेरा भी नाम पापा जितना लंबा हो गया। बस समझ लीजिए वहीं से पिता की अहमियत अब दिनों दिन बच्चे की जिंदगी में बड़ती चली जाता है। अब चाहे वो पिता इस दुनिया में रहे न रहे पर बच्चे के लिए उसका अस्तित्व उसके नाम के साथ हमेशा के लिए जुड़ सा जाता है। पिता एक मार्गदर्शक, एक बाॅडीगार्ड और एक रक्षक का किरदार बच्चों की जिंदगी में निभाता है। पापा की छांया में बच्चे चाुद को महफूज मानते हैं। पर कुछ भी कहो मां के साथ पा भी तो जरूरी है। कभी सोचा है दिनभर दफ्तर में फाइलों और लैपटाॅप में उलझे रहने के बाद बच्चे पा के पास क्यों जाते हैं तो आइए जानते हैं क्यों
भूख मां के हाथ से मिटती है, मगर तसल्ली पा को देखकर आती है
ज्ब तक पापा आफिस से घर वापिस नहीं आ जाते न, मानो बच्चे दिनभर मां के साथ रहने के बाद भी पापा का ही इंतज़ार करते नज़र आते हैं। हांलाकि वा रोज़ानो कोई तोहफे, खाने की चीजें यां कुछ और सामान नही लाते हैं। लाते हैं, तो कंधे पर टंगा हुआ बैग। जो बैक को थका चुका होता है, मगर फिर भी गेट पर आते ही दोनों हाथों से दोनो बच्चों को गोद में झुमाने लगते हैं।
बच्चों में आत्मविश्वास जगाते हैं
मां दिनभर उनका ख्याल रखती है। उन्हें ज़रूरत का हर सामान भी देती हैं। मगर पा उन्हें हिम्मत देते हैं, हौंयला देते हैं। आगे बढ़ने का रास्ता दिखाते भी है और मंज़िल तक पहुंचने की सीढ़िया चढ़ाते भी है। तो हुए न पा ज़रूरी।
भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं
चाहे आफिस में रहें यां घर पर, पा हमेशा हमारे करियर को लेकर, हमारी ख्वाहिशों को लेकर, हमारी चुनौतियों को लेकर चिंतित रहते हैं। वो हमारा भविष्य अपनी नज़रों में प्रतिदिन बुनते हैं, उसे सार्थक करने के लिए पैसे भी धीरे धीरे इकट्ठा करते हैं।
बच्चों में बचपन को जिंदा रखते हैं
मां चाहे किसी की भी हो, हर वक्त यही राग अलापती हुई मिलेगी की कब बड़े होगे। कब ज़िम्मेदारियां समझोगे। मगर पा की डायरी में इन बातों के लिए कोइ भी जगह नहीं है। वो खुद भी बचपन से बाहर नहीं आते हैं और बच्चों को भी आने के लिए कभी भी मजबूर नहीं करते।
बच्चों को जिम्मेदार बनाते हैं
अपने साथ साथ आगे बढ़ाने की आदत हममें पापा ही लेकर आते है। वो हमें हमेशा अपने साथ रखते हैं। ताकि हमें रिश्ते नातों और दुनियादारी की समझ आ सके। वो हमसे हर वो मुद्दा शेयर करते हैं, जो हमारे भविश्य को आगे ले जा सकता है।
बच्चों के बाॅडीगार्ड
पिता बच्चों में काफिंडेंस जगाने का अहम काम करते है। पिता के साथ बच्चे हर दम खुद को महफूज मानते हैं। वो बच्चों के बाॅडीगार्ड की तरह हर दम उनके साथ रहते हैं। वो बच्चों के अच्छे बुरे को भली भांति जानकर उनमें बातचीत चलने फिरने हर काम के लिए अच्छे गुण भरते हैं।
