single parent tips
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सिंगल पैरेंट हैं तो ये बातें 3 बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए

सिंगल पैरेंट को चाहिए की वो बच्चे के सभी सवालों को ध्यान से सुनें और बहुत ही सुलझे हुए लहजे में उनकी बातों का जवाब दें

Parenting Tips: आजकल के चुनौती भरे जीवन में सिंगल पैरेंट होना मतलब जिम्मेदारियां दोगुना हो जाना। बच्चे की परवरिश में सिंगल पैरेंट को हर कदम बड़ा सोच समझ कर रखना पड़ता है। सिंगल पैरेंट होने का मतलब बच्चे से दोस्ती और गहरी हो जाना। अपने बच्चे को करीब से जानने के लिए सिंगल पैरेंट को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। बच्चे के मन में कई तरह के सवाल उमड़ते हैं। इन सभी सवालों के चलते कभी कभी सिंगल पैरेंट परेशान हो कर बच्चों की बातों का जवाब देना बंद कर देते हैं या फिर बच्चे को नज़रअंदाज़ करने लगते हैं। सबसे पहले ये समझना जरुरी है की बच्चे की बात को कभी नज़रअंदाज़ ना करें, सिंगल पैरेंट को चाहिए की वो बच्चे के सभी सवालों को ध्यान से सुनें और बहुत ही सुलझे हुए लहजे में उनकी बातों का जवाब दें इस तरह बच्चे भी संतुष्ट हो जाएंगे और सिंगल पैरेंट को भी राहत रहेगी उन्होंने अपने बच्चे की बात का सही सही जवाब दिया और बच्चे के साथ उनका रिश्ता मजबूत होता जाएगा।

Being a single parent is full of two
Being a single parent is full of two

आइये जानते हैं सिंगल पैरेंट बच्चों के साथ अपने रिश्ते को और गहरा कैसे कर सकते हैं।

Make your child self dependent
Make your child self dependent

सिंगल पैरेंट बच्चों को ले कर थोड़े ज्यादा परेशान रहने लगते हैं। वो बच्चों के ज्यादा करीब रहने के लिए उनका हर काम खुद करना शुरू कर देते हैं । एक तरह से बच्चे के आस पास सुरक्षा रेखा बना लेते हैं ताकि उनके सिंगल पैरेंट होने का कोई असर उनके बच्चों पर ना पड़े। इस तरह बच्चे आत्मनिर्भर नहीं बन पाते हैं और पूरी तरह से पैरेंट  पर निर्भर रहने लगते हैं। बच्चों को अंदर धीरे धीरे हीं भावना आने लगती है। सिंगल पैरेंट होने का डर अपने मन से निकाल फेंकें और बच्चे को आत्मनिर्भर बनाएं। बच्चे के मन में किसी तरह का डर न बैठने दें, उन्हें विश्वास दिलाएं की हर स्तिथि में आप उनके साथ हैं।

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Time management is the key to parenting
Time management is the key to parenting

अगर आप सिंगल पैरेंट हैं और आपके पास काम के रहते समय की बहुत कमी है तो परेशान ना हो। हमेशा इस बात का ख्याल रखें की थोड़े समय को भी आप अपने तरीके से अपने बच्चे के लिए मूल्यवान बना सकते हैं। जितना भी समय मिले पूरी तरह से अपने बच्चे के साथ बिताएं, अपने मन की बात साझा करें साथ ही उसके मन की बात भी जानें। बच्चे से पूछें की वो आपसे क्या चाहते हैं, किस तरह हमारा रिश्ता और मजबूत बनें इस तरह की बातें बच्चे से उसकी उम्र के हिसाब से जरूर पूछें।

Positivity is must
Positivity is must

सिंगल पैरेंट होने का मतलब ये नहीं की आप अपने बच्चे को अपने पार्टनर के प्रति गलत गलत चीज़ें बताएं या अपने और पार्टनर की बुरी यादें साझा करें। अगर आपने किसी कारणवश अपने पार्टनर को खो दिया है तो उनके बारे में अपने बच्चे से बातें जरूर करें। अपने रिश्ते में एक सकारात्मक माहौल बनाएं रखें। सकारात्मक माहौल में परवरिश होने पर बच्चे में धैर्य और समझदारी आती है, इस तरह आपके और बच्चे के सम्बन्ध और बेहतर बने रहेंगे, बच्चा आपसे किसी भी तरह की बात आसानी से साझा कर पायेगा।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...