Tourists exploring ancient caves and temples
Tourists exploring ancient caves and temples

Summary: सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी: जंगल, गुफाएँ और झरनों का संगमrview:

घने जंगल, झरने और रहस्यमयी गुफाओं से भरपूर पचमढ़ी, तीन दिन की यात्रा में प्रकृति और रोमांच का अविस्मरणीय अनुभव देता है।

Pachmarhi Travel Guide: मध्य प्रदेश के सतपुड़ा पर्वतों के बीच बसा पचमढ़ी, जिसे “सतपुड़ा की रानी” कहा जाता है, प्रकृति प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह जगह घने जंगलों, ऊँची-नीची पहाड़ियों, रहस्यमयी गुफाओं और झरनों का अद्भुत संगम है। यहाँ हर मौसम में अलग ही अनुभव मिलता है, लेकिन मानसून और सर्दियों में इसकी सुंदरता अपने चरम पर होती है। अगर आपके पास तीन दिन का समय है, तो पचमढ़ी की यह यात्रा आपको जीवनभर की यादें दे सकती है।

पचमढ़ी का आकर्षण उसकी प्राकृतिक विविधता और पौराणिक महत्व में छिपा है। यहाँ भगवान शिव से जुड़े कई प्राचीन मंदिर और गुफाएँ हैं, जिनका उल्लेख पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। इसके अलावा ट्रेकिंग ट्रेल्स, झरनों की कल-कल ध्वनि और हरियाली से घिरे व्यू पॉइंट्स इसे परिवार, दोस्तों या अकेले यात्रा करने वालों सभी के लिए आदर्श बनाते हैं। पचमढ़ी का शांत वातावरण और स्वच्छ हवा मन और आत्मा को सुकून देती है।

Tourists exploring ancient caves and temples
Begin the journey with historical and spiritual sites

पहले दिन की शुरुआत पांडव गुफाओं से करें। कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहीं बिताया था। इसके बाद महादेव गुफा और गुप्त महादेव जाएँ, जहाँ संकरी गुफा से गुजरते हुए भगवान शिव का दर्शन किया जा सकता है। चौरागढ़ मंदिर तक पहुँचने के लिए 1300 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन ऊपर से दिखने वाला नज़ारा सारी थकान मिटा देता है। शाम को स्थानीय बाजार में घूमते हुए हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजन का आनंद लेना न भूलें।

Tourists enjoying waterfalls and natural surroundings
Trekking and exploring waterfalls and lush greenery

दूसरे दिन को आप झरनों के नाम कर दें। बी फॉल्स से शुरुआत करें, जिसका पानी ऊँचाई से गिरते हुए मधुमक्खियों की तरह गूंजता है। यहाँ स्नान करना एक अलग ही अनुभव है। इसके बाद अप्सरा विहार जाएँ, जो पिकनिक और प्राकृतिक फोटोग्राफी के लिए मशहूर है। सिल्वर फॉल्स (राजत प्रपात) की चमकती धाराएँ किसी चाँदी की परत जैसी लगती हैं। झरनों के बीच बिताया गया यह दिन आपके सफर का सबसे रोमांचक हिस्सा होगा।

Tourists enjoying panoramic viewpoints and spotting wildlife
Experience scenic vistas and observe local wildlife

तीसरे दिन की शुरुआत करें धूपगढ़ से, जो सतपुड़ा का सबसे ऊँचा बिंदु है। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य देखने लायक होता है। इसके बाद सतपुड़ा नेशनल पार्क जाएँ, जहाँ जंगल सफारी के दौरान बाघ, तेंदुआ, गौर, हिरण और कई दुर्लभ पक्षियों को देखने का मौका मिलता है। अगर समय हो तो जटाशंकर गुफा भी जा सकते हैं, जहाँ प्राकृतिक शिला संरचनाएँ भगवान शिव की जटाओं जैसी लगती हैं।

पचमढ़ी पहुँचने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो करीब 50 किमी दूर है। यहाँ से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। ठहरने के लिए पचमढ़ी में होटल, रिसॉर्ट और एमपी टूरिज्म के गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। खाने में आप स्थानीय व्यंजन जैसे पूआ, आलू-कचौरी, और पारंपरिक मध्य प्रदेशी थाली का स्वाद ज़रूर लें। मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, इसलिए आरामदायक कपड़े और ट्रेकिंग शूज़ साथ रखें।

तीन दिनों की यह यात्रा आपको इतिहास, संस्कृति और प्रकृति, तीनों का बेहतरीन संगम दिखाएगी। सतपुड़ा की गोद में बसा पचमढ़ी हर उस यात्री के लिए खास है, जो शांति, रोमांच और आध्यात्मिकता का एक साथ अनुभव करना चाहता है।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...