आपकी पर्सनालिटी के लिए नकारात्मक हो सकती हैं ये 6 आदतें: Negative Habits
Negative Habits Effects Personality

Negative Habits: हम सभी के अंदर कहीं न कहीं यह चाह होती है कि हमारी पर्सनेलिटी का एक अच्छा प्रभाव बना रहे। लेकिन कई बार हमें पता नहीं होता कि अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हम क्या करें। अगर आप भी उनमें से जो खुद की कमियों को काटना-छांटना चाहते हैं तो यह आर्टीकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। यहां हमने पर्सनेलिटी की नकारात्मकता के संदर्भ में छह पॉइंट्स दिए हैं। यह पॉइंट्स निसंदेह आपके काम आने वाले हैं।

हाइजीन मेंटेन न करना

रोज नहाना, अपने दांतों को मांझना, बाल बनाना हम सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा है लेकिन कुछ लोग इस बेसिक हाईजीन को ही मेंटेन नहीं कर पाते। ऐसे में उनके मुंह और शरीर से एक दुर्गंध आती है। अगर उन्हें कहीं बाहर निकलना है तो बड़े ही तैयार होकर निकलते हैं लेकिन अगर वह घर पर हैं तो आईना देखने की भी फुर्सत उनके पास नहीं होती। आप अपनी इमेज को सही रखना चाहते हैं तो आपको बेसिक हाईजीन का ध्यान रखना होगा। यहां तक कि अगर आप खुली चप्पल पहनकर बाहर जा रहे हैं तो एक बार पैरों पर नजर डाल लें कहीं वो गंदे तो नहीं हो रहे। चाहें आपके पास समय हो या न हो अपने पर्सनल हाईजीन को मेंटेन करना न भूलें।

सिर्फ शिकायतें

जीवन को और रिश्तों को लेकर हो सकता है कि आपके पास बहुत सी समस्याएं हों। आपको लगता होगा कि आपकी सहेली के पति और परिवार तो बहुत अच्छा और मजे से बीत रहा है। एक मैं ही हूं जिसकी न तो बच्चे सुनते हैं और पति उन्हें अपने काम से ही फुर्सत नहीं मिलती। रुकिए एक मिनट यहीं पर आपको अपनी सोच को जरा दुरुस्ज करने की जरुरत है। जिंदगी में किसी की भी समस्याएं कम नहीं होती। सभी के पास अपने-अपने दुख हैं। आप यहीं जानें जब आपका दिमाग इस बात को स्वीकार करेगा कि सभी के पास समस्याएं हैं तो आपका दिमाग अपने आप शिकायतें करना कम कर देगा। इतना ही नहीं आपका हर समय शिकायत करना दूसरों को थका देने वाला और बोरिंग हो सकता है। जिंदगी में पॉजिटिव एप्रोच बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

असभ्य या अनादरपूर्ण होना

Disrespect
Negative Habits-Disrespect

हम सभी चाहते हैं कि हमें भरपूर मान-सम्मान मिले। लोग हमें समय दें। लेकिन एक बार आप सोचकर देखें जिस चीज की उम्मीद आप सामने वाले से करते हैं आप क्या वो चीज दूसरे को देते हैं। आपने कभी क्या खुद पर गौर किया कि कहीं आप ऐसे कमेंट्स तो पास नहीं कर रहे जिससे अनजाने में ही दूसरे का तिरस्कार कर रहे हों। जैसे कि ड्रेसिंग सेंस पर कमेंट करना, या उसके बोलने के तरीके को लेकर कुछ कह देना। या फिर अगर वो किसी पर्टिकुलर जगह से है तो उस शहर की बसावाट या उसके बाजारों के बारे में कमेंट करना आपको दूसरों के प्रति असभ्य और अनाकर्षक बना सकता है।

बोलने का मौका ही नहीं देना

बहुत बार ऐसा होता है कि हम सिर्फ अपना ही सुनाना चाहते हैं। आपने ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा कि उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं होता कि सिर्फ वो बोल रहे हैं बाकी सारे लोग मजबूरी में ही सही सिर्फ सुन रहे हैं। यहां तक कि अगर कोई भूल से बोलने की कोशिश भी करता है तो वो उस मौके आने ही नहीं देना चाहते। ऐसे में इस तरह के लोगों से लोग एक किस्म की दूरी बना लेते हैं। अगर कोई अपनी बात कह रहा है तो तो आप चाहें सहमत हो या न हों उसे बात पूरी करने का मौका दें। दूसरों को बोलते समय बीच में रोकना आपका इम्प्रेशन बहुत खराब कर सकता है।

अपनी तारीफें

अपनी बड़ी होती बेटी सभी को सुंदर, अपना बेटा आज्ञाकारी, अपना रुटीन सबसे अच्छा, अपनी पेरेंटिग बेहतरीन बहुत सी महिलाओं को लगती है। अगर आप अपने बच्चों के लालन-पालन में वो सभी कुछ पाए जो आज आपके सामने है तो यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन इस बात को भी अपने दिमाग में फिट कर लें जो आपने किया वो सभी के लिए एक आदर्श स्थिति नहीं हो सकती। अच्छा होने के सभी के अलग-अलग पैरामीटर हैं तो सिर्फ अपनी स्तुति गान की दुनिया से बाहर निकलें। लगातार अपनी और अपने बच्चों की तारीफ करने की आदत को छोड़ें। जिस तरह आप दूसरे के रुटीन को जानने में दिलचस्पी नहीं लेते सामने वाला भी ऐसे ही आपके जीवन की मार्कशीट को बार-बार पढ़ना नहीं चाहता।

बेचारगी की चादर

इस सेगमेंट में अगर हम सास की बात करें तो उनका नाम पहले नंबर पर आता है। हर सास के पास एक बेचारगी की कहानी मौजूद होती है। जब वो सुसराल आई थीं तो दूसरे ही दिन से उन्हें रसोई संभला दी गई। उन्होंने 5 किलो आटे की पूरी और 10 किलो दूध की खीर बनाई। कोई एक काम को हाथ लगाने वाला नहीं था। चाहें मौका कोई भी क्यों न हो हर मौके का एक किस्सा उनके पास है। आप तो खुद पर इस चीज को आजमा चुकी होंगी कि जब भी वो इस तरह का किस्सा सुनाती होंगी आप कितने मनोयोग से इसे सुनती है। मुझे विश्वास है कि आप इस बिंदु को समझ गई होंगी। अपनी जिंदगी में इस बात की गांठ बांध लें अपने जीवन से बेचारगी की चादर को उतार कर फेंक दें। आत्मविश्वास से भरपूर एक हंसता-मुस्कुराता जीवन जिएं। यह आपकी पर्सनेलिटी के लिए भी अच्छा है।