मई महीने में क्यों सूर्यदेव धारण करते हैं रौद्र रूप? जानें नौतपा का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व: Nautapa 2023
Nautapa 2023

Nautapa 2023: मौसम लगातार अपना रंग बदल रहा है। चक्रवात और विक्षोभ की परिस्थिति बनने के कारण कुछ राज्यों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ है। कहीं धूप जोर खा रही है तो कहीं बारिश की वजह से ठंडक बनी हुई है। यूं तो अप्रैल के बाद गर्मी जोर पकड़ने लगती है। मई आते आते प्रचंड गर्मी का अहसास होने लगता है। मई महीने में आग बरसती है, क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती है। इस प्रक्रिया को नौतपा के कहा जाता है। नौतपा का वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और कुल 15 दिनों तक विराजमान रहते हैं, तब नौतपा प्रारंभ होता है। इस दौरान सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में रहते हैं जिससे धरती पर प्रचंड व झुलसाने वाली गर्मी पड़ती है। तो चलिए जानते हैं मई महीने में नौतपा कब शुरू होगा और इसका महत्व क्या है।

नौतपा 2023 कब शुरू होगा?

Nautapa 2023
Nautapa 2023 Date

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में 22 मई 2023, सोमवार को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 12 दिन तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे और 2 जून 2023, शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस बार नौतपा 22 मई 2023 से शुरू होगा, जिसका जोर शुरुआती 9 दिन तक रहने वाला है। इस दौरान धूप का असर बहुत अधिक रहेगा जिससे आमजन को चुभती गर्मी का जबरदस्त अहसास होगा।

नौतपा 2023 का धार्मिक महत्व

Nautapa 2023 Date Time
Importance of Nautapa

धर्म ग्रंथों में नौतपा का महत्व बताया गया है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव को माना जाता है। चंद्र देव शीतलता के प्रतीक माने गए हैं। जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं तो उसे अपने प्रभाव में ले लेते हैं। इस वजह से चंद्रमा की शीतलता भी बेअसर हो जाती है और पृथ्वी पर शीतलता की जगह ताप बढ़ने लगता है। इससे तापमान में वृद्धि होती और गर्मी का प्रभाव तेज हो जाता है। इस प्रकार नौतपा मई महीने में बड़ा महत्व रखता है।

नौतपा का वैज्ञानिक महत्व

Nautapa 2023 Date Time

सिर्फ धर्म ग्रंथों में ही नौतपा का महत्व नहीं बताया गया है, बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी नौतपा अद्भुत खगोलीय घटना रहती है। विज्ञान के अनुसार, नौतपा के समय सूर्य की किरणें एकदम सीधी धरती पर पड़ती है। इस वजह से धरती पर तापमान बढ़ने लगता है। जिस वजह से भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। तापमान में वृद्धि होने से मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समु द्री लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण कई चक्रवात, तूफान, विक्षोभ की स्थिति बनती है और फिर बारिश की संभावना बन जाती है।

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