‘बेटी हुई है, अब जोड़ो इसके लिए’ बेटियां होती हैं तो अक्सर यही सारी बातें सुनने को मिलती हैं। लेकिन अब समय बदला है और लोग बेटियों को बोझ समझ कर नहीं सेविंग करते हैं। बल्कि वो उनके भविष्य के लिए सेविंग करते हैं। ताकि वो भी पढ़-लिख कर कमाल कर सकें। वो भी कुछ बन सकें, खुद को साबित कर सकें। वो दुनिया को दिखा सकें कि वो भी किसी से कम नहीं हैं। लेकिन इसके लिए सेविंग कुछ इस तरह से करनी होगी कि भविष्य में जब भी बेटी को अपने लिए इन पैसों की जरूरत हो तो उसे ये पैसे मिल सकें और भविष्य निर्माण में मदद कर सकें। इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। आपको पहचानना होगा सेविंग के सही तरीकों को। सेविंग की एबीसीडी सीखनी होगी वो भी पेरफेक्टली-

फ्लेक्सिबल हो पॉलिसी-
आपके पास एक ऐसी पॉलिसी होनी ही चाहिए, जो आपको फ्लेक्सिबिलिटी की गारंटी दे। मतलब ये ऐसी होनी चाहिए कि इसमें पैसे ब्लॉक न हों। जब आप चाहें तब इनका इस्तेमाल भी कर सकें। जब भी बच्चे की जरूरत के हिसाब से पैसों की जरूरत पड़े तब आप इनको काम में ला सकें। अगर आपके बाद भी ये पॉलिसी बच्चे की सुरक्षा की गारंटी देती है तो ये इस पॉलिसी का प्लस पॉइंट है।
अपना जीवन भी करें सिक्योर-
आप भले ही बेटी के लिए पैसे जोड़ने की कोशिशें लगातार कर रहे हैं लेकिन इस बीच आपका जीवन सिक्योर होना बेहद जरूरी है। इसलिए आपको अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए। ये इंश्योरेंस आपके होते हुए परिवार और बेटी के काम आएगा तो आपके ना होने पर भी उनकी आर्थिक मदद करेगा।

एसआईपी है न-
सिस्टमेटिक इंकवेस्टमेंट प्लान। यानि एसआईपी एक ऐसा निवेश है, जिसमें आपको हर महीने निवेश करना होता है। इसमें बाजार के हिसाब से फायदा बढ़ता और घटता भी है। ये एक फ्लेक्सिबल निवेश भी है क्योंकि इसे आप अपनी सुविधानुसार चला सकते हैं। इन्हें स्टॉक या बॉन्ड जैसे अलग-अलग मदों में निवेश किया जाता है। इनको निवेश करने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं, जैसे इनकम फोकस्ड, फिक्स्ड इंटरेस्ट या ग्रोथ ओरिएंटेड। साधारण भाषा में कहें तो इसमें कई सारे निवेशक एक साथ पैसा लगाते हैं। इन सारे पैसों को इंवेस्टमेंट प्रोफेशनल फंड मैनेजर अलग-अलग बॉन्ड, शेयर, गोल्ड या दूसरी संपत्तियों में लगाता है। फिर हुए फायदे को सभी निवेशकों में बांट दिया जाता है।
निवेश का पुराना तरीका फिक्स डिपॉजिट-
फिक्स डिपॉजिट एक ऐसा निवेशा का तरीका है, जिसे बहुत पुराने समय से पसंद किया जाता है। इसके कई सारे फायदे होते हैं, जो लंबे समय तक फायदा देते हैं। दरअसल ज्यादातर बैंक एफडी में ब्याज ज्यादा देते हैं। इसमें फायदा भी मानो तय ही होता है। क्योंकि रिस्क भी इसमें न के बराबर होता है।
ये भी पढ़ें-
