Digital India: देश के प्रधानमंत्री के डिमॉनेटाइजेशन के निर्णय के बाद हमारा देश भारत डिजिटल इंडिया बनने की ओर अग्रसर है। देश के बहुत से लोगों को अब भी समझ नहीं आ रहा है कि भारत डिजिटल क्यों बने और इसका उन्हें क्या फायदा होगा। ऐसे में जानें डिजिटल इंडिया के कुछ बड़े फायदे –
पॉकेट फ्रेंडली
सरकार एवं पेटीएम, फ्रीचार्ज, फोनपे व यूपीआई जैसी कई एप्लीकेशन समय-समय पर ग्राहकों को कैशलेस भुगतान पर छूट व कैशबैक जैसे ऑफर प्रदान करती रहती है। साथ ही स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, एमेजॉन जैसी कई शॉपिग वेबसाइट्स भी है जो बैंक से आनलाइन पेमेंट करने पर डिस्काउंट देती हैं। इससे सीओडी पर होने वाला अतिरिक्त खर्च भी बच जाता है। इसके अलावा आनलाइन पेमेंट करने पर आपकी सभी पेमेंट का रिकॉर्ड बैंक में सेव हो जाता है। इससे आपको यह याद रखने की जरूरत नहीं कि आपने कब कहां और कितना खर्च किया था।
समय की बचत
नकदी निकालने के लिए बैंक के चक्कर लगाने हो, एटीएम की लाइन में खड़े रहना हो, बिजली का बिल जमा करना हो, ऐसे कई काम हैं, जिसमें हम अपनी जिंदगी का अनमोल समय गवांते आये है। कैशलेस ट्रांजेक्शन करने से हमारे कीमती समय की काफी बचत होती है।
सुरक्षा
घर पर तिजोरी में रखा कैश हो या फिर जेब में कैश लेकर सफर करना हो, हर समय मन में सुरक्षा को लेकर संशय बना रहता है। साथ ही चोरी व छीना झपटी का खतरा भी आसपास मंडराता रहता है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन ऐसे किसी भी तरह के खतरे से हमें दूर रखते हुए सुरक्षा के साथ सहूलियत भी प्रदान करता है। इसके अलावा यदि आपका काड्र्स खो जायें या कोई छीन ले तो आप तुरंत ही बैंक में फोन करके कार्ड ब्लॉक करवा सकते है। एक बार ब्लॉक हो जाने के बाद उन काड्र्स को कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता।
टैक्स कलेक्शन
भारी मात्र में इस्तेमाल की जाने वाली नकदी कालेधन व भ्रष्टाचार का मुख्य कारण होती है। जिससे सरकार को टैक्स संग्रह करने में समस्या आती है। देश में इनकम टैक्स देने का बोझ नौकरी पेशा वर्ग पर अधिक पड़ता है जबकि कारोबारी वर्ग अपनी आय छुपाने में काफी हद तक सफल हो जाता है। कैशलेस ट्रांजेक्शन होने पर आय व्यय की सभी जानकारी ऑनलाइन हो जा जाती है। जिससे सरकार द्वारा टैक्स कलेक्शन में बढ़ोत्तरी होती है।
भ्रष्टाचार
कैशलेस इकोनॉमी की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आ सकती है क्योंकि भारत में ज्यादातर भ्रष्टाचार की गतिविधियां कैश में होती है। सरकारी महकमें में ऑफिसर को घूस देनी हो या स्कूल में एडमिशन के लिए डोनेशन देना हो, ऐसे कई काम है जो सिर्फ नकद लेनदेन के आधार पर ही अंजाम दिये जाते है। डिजिटल पैसे ट्रांसफर की सूचना आसानी से लगाई जा सकती है।
जाली नोटों की समस्या से छुटकारा
अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा नुकसान जाली नोट की छपाई से होता है, लेकिन कैशलेस अर्थव्यवस्था में नोटों का इस्तेमाल न्यूनतम स्तर पर होने के कारण इससे निजात मिलेगी और इससे आतंकवाद व अन्य आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी।
ब्याज
घर में रखी नकदी पर ब्याज नहीं मिलता लेकिन अगर आप बैंक में कैश रखते है तो आपको जरूर अच्छा ब्याज मिलेगा। बैंक में रखे धन से देश के विकास में मदद मिलती है। कैशलेस लेनदेन से नकदी रखने के खर्च में बचत होगी।
रोजगार
डिजिटल इंडिया के तहत मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़ और नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार जबकि 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। दूरसंचार और आईटी मंत्रालय इससे जुड़े इन् फ्रास् ट्रक् चर का निर्माण करेगी। इससे भी रोजगार का सृजन होगा।
अर्थव्यवस्था में तेजी
पूरे भारत को इंटरनेट से जोडऩे के लिए डिजिटल इंडिया अभियान चल रहा है। चूंकि कैशलेस इकोनॉमी का पूरा ढांचा ही इंटरनेट पर निर्भर है, इसलिए भारत के डिजिटलीकरण से देश की अर्थव्यवस्था में भी तेजी आयेगी।
