Ganesh Chaturthi Puja: माना जाता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी वजह से हर साल पूरे देश भर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व 1 या 2 दिन नहीं बल्कि 10 दिनों तक चलता है। गणेश उत्सव चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक चलता है। वहीं इस बार गणेश उत्सव 19 सितंबर से शुरु हो रहा है और इसका समापन 28 सितंबर अनंत चतुर्दशी को होगा। धार्मिक मान्यताओं के इन दिनों भगवान गणेश को उनकी मनपसंद चीजों का भोग लगाया जाता है, जिससे बप्पा प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
इसे बहुत पवित्र और फलदायी त्योहार माना जाता है। इन दिनों गणेश जी को भव्य रूप से सजाकर स्थापित करते हैं और फिर उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणेश पूजा के दौरान पूजा की थाली में कई चीजें शामिल की जाती हैं। बताया जाता है कि गणपति पूजन की थाली में शामिल की जाने वाली ये सामग्री अलग-अलग बातों की प्रतीक हैं। मान्यता तो यह भी है कि अगर ये जरूर चीजें भगवान गणेश को अर्पित न की जाए तो उनकी पूजा अधूरी रह जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणपति पूजन में कुछ खास चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए। इससे गणेश पूजा का विशेष फल मिलता है और घर-परिवार में बरकत बनी रहती है।
दूर्वा की गांठें

सारे देवताओं में प्रथम पूज्य देवता माने जाने वाले भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए दूर्वा जरूर चढ़ाएं। पूजन के दौरान थाली में दूर्वा की 3-5 गांठे चढ़ाना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा करने से बप्पा बेहद प्रसन्न होते हैं और घर में धन की वर्षा होती है।
लड्डू से लगाएं भोग
भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू मनपसंद है। तो गणेश पूजा को सफल बनाने के लिए बूंदी के लड्डू का भोग जरुर लगाएं। इससे भोग लगाने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है।
मोदक है मनपसंद

मोदक गणपति जी का प्रिय भोग माना जाता है। यही वजह है कि गणेश पूजा के लिए बप्पा को मोदक का भोग जरुर लगाया जाता है। इसका भोग लगाने से बप्पा शीघ्र प्रसन्न होंगे। गणेश उत्सव के पहले दिन बप्पा को मोदक का भोग लगाना उत्तम माना जाता है।
जरूर चढ़ाएं हल्दी
बप्पा को कच्ची हल्दी जरुर अर्पण करें। बाद में इस हल्दी को घर की तिजोरी में रख दें। इसस भगवान गणेश की पूजा सफल होती है। गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री में हल्दी शामिल करना ना भूलें। कहा जाता है की बप्पा पर हल्दी चढ़ाने से बरकत होती है और घर में खुशहाली रहती है।
सिंदूर अर्पित करें
पुराणों के अनुसार, भगवान गणेश ने अपने बाल्यावस्था में सिंदूर नाम के एक राक्षस का संहार किया था और उसका वध करने के बाद से गणेश जी ने असुर के खून को अपने शरीर पर लगा लिया। जिसके कारण उनको पूजा के समय सिंदूर चढ़ाना जरूरी माना जाता है। वहीं सिंदूर मंगल का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता को सिंदूर जरूर चढ़ाना चाहिए।