Summary: बुमराह ने संजना को ऐसे किया था प्रपोज

बुमराह ने खुद इसकी पूरी तैयारी की थी और फिर संजना को कमरे में बुलाया था...

भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह और उनकी पत्नी संजना गणेशन ने अपनी सगाई की कहानी साझा की है। संजना के बारे में आपको बता दें कि वो स्पोर्ट्स प्रेजेंटर रही हैं। दोनों की सगाई का किस्सा 2020 में यूएई में आईपीएल के बीच यानी कोविड-19 महामारी के दौरान का है। यह पावर कपल 2021 में शादी के बंधन में बंधा। दोनों ने एक-दूसरे को दो साल से अधिक समय तक डेट किया। अब उनका एक बेटा है अंगद, जिसका जन्म 2023 में हुआ।

पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह और उनकी पत्नी गीता बसरा के साथ एक इंटरव्यू में बुमराह ने बताया कि कैसे उन्होंने आईपीएल अधिकारियों से बात कर बबल-टू-बबल ट्रांसफर की व्यवस्था कराई, अपने कमरे को सजाया और यहां तक कि बालकनी में मोमबत्तियां भी जलाईं। दूसरी ओर, संजना ने यह स्वीकार किया कि बुमराह जब उन्हें बालकनी में ले जाने की जल्दी कर रहे थे, तब वह काफी कंफ्यूज हो गई थीं क्योंकि उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह एक सरप्राइज होने वाला है।

बुमराह ने शो में पूरी बात ऐसे सुनाई, “यह कोविड के समय की बात है। उस समय हर टीम के लिए अलग बबल थे। संजना, केकेआर में थी और मैं मुंबई इंडियंस में था। दोनों टीमें अबू धाबी में थीं। मैंने एक अंगूठी ले ली थी, यह सोचकर कि शायद टूर्नामेंट खत्म होने के बाद मौका मिल जाए। ग्राउंड पर थोड़ी बहुत बातचीत छोड़कर हम मिल नहीं सकते थे, क्योंकि बबल अलग-अलग थे।”

वे आगे बताते हैं, “वो मेरे बबल से बाहर थी। मुझे लोगों से कहना पड़ा कि देखो, मैं यह रिंग लेकर आया हूं, कृपया बबल-टू-बबल ट्रांसफर करा दो। फिर यह ट्रांसफर हुआ। जब वह आई, तब मैंने सब कुछ खुद ही किया। मैंने खुद केक रखा, कमरे को सजाया और अंगूठी तैयार रखी,” बुमराह ने आगे कहा।

संजना ने अपनी ओर से बताया, “मैं कमरे में आई और ये मुझसे कह रहे थे ‘बालकनी में चलो’। मैं सोच रही थी, अभी-अभी आई हूं, कम से कम पानी तो पिला दो। लेकिन ये कह रहे थे, ‘नहीं, नहीं, बालकनी में चलो।’ बुमराह ने बताया, “मैंने बालकनी में मोमबत्तियां जलाई थीं और वहां से बीच का व्यू दिख रहा था, लेकिन हवा से मोमबत्तियां बुझ जा रही थीं। मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार मैंने वहां प्रपोज किया और संजना ने मुझे स्वीकार किया।”

फिलहाल, बुमराह और संजना इंग्लैंड में साथ हैं, जहां भारत एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तहत पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रहा है। हेडिंग्ले में हुए पहले टेस्ट में बुमराह भारत के सबसे अच्छे गेंदबाज रहे, लेकिन वह आखिरी दिन पांच विकेट से हार नहीं रोक सके। बता दें कि बुमराह को भारत के सबसे सफल गेंदबाजों में गिना जाता है। उनकी यॉर्कर को कोई तोड़ नहीं। उन पर पूरी टीम भरोसा करती है और मानती है कि जब वे आएंगे तो विकेट गिरेंगे ही। इस भरोसे के कारण उन्हें कप्तान बनाने की काफी कवायदें हुईं लेकिन वे खुद ही इस जिम्मेदारी के लिए आगे नहीं आए तो टेस्ट टीम के लिए गिल को कप्तान बनाना पड़ा।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...