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स्वयं-पराजित – 21 श्रेष्ठ युवामन की कहानियां उत्तर प्रदेश

उसकी नींद खुल गई थी। उसने अपना सर कछुवे की तरह रजाई से बाहर निकाला। आंखों में प्रकाश पड़ने से आंखें चुंधियां सी गयीं। सर को एक झटके से फिर रजाई के अन्दर कर लिया। अब वह रजाई के भीतर ही भीतर बांयी ओर खिसक गया। अब की बार आंखें बन्द किये ही सर को […]

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