Sun Tan: गर्मियों का नाम सुनते ही आपके मन में भी आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स और शाम के वक्त स्ट्रीट फूड का मनोहर दृश्य घूमने लग जाता होगा। लेकिन गर्मियां जिस तरह अपने साथ कई तरह की खुशियों की सौगात लेकर आती है ठीक उसी तरह कई छोटी मोटी समस्याएं भी, लेकिन आप इनसे पीछा नहीं छुड़ा सकती हैं। जो धूप आपको सर्दियों में अत्याधिक लुभाती थी वही गर्मियों में आपकी समस्याओं का कारण बन जाती है। गर्मियों में आपको सनटैन, सनबर्न, पिंपल, घमोरियां आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं। धूप से बचकर आप घर पर तो ही नहीं बैठे रह सकते हैं, भागदौड़ भरी जिंदगी में आपको बाहर निकलना ही पड़ेगा और इसी के चलते आपकी खूबसूरती पर सनटैन का दाग भी लग जाता है। कुछ लोग अपने काम या खूबसूरती में से किसी एक से समझौता करना ही मुनासिफ समझते हैं।

जब बात आपकी खूबसूरती की हो या सेहत से जुड़ी तो गृहलक्ष्मी आपको समझौता करने नहीं दे सकती है। अब घर से बाहर धूप में निकलने से पहले आपको घंटों सोचने की जरुरत नही है। हम आपके लिए सन बर्न से बचाव के सुझाव लेकर आए हैं, वैसे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप अपनी त्वचा का बहुत खयाल रखती हैं, लेकिन आपको सूरज की किरणों से बचने के लिए सिर्फ दुपट्टा या फुल स्लीव्स कपड़े ही पर्याप्त नहीं है, आपको जरूरत है एक अच्छी और बेहतर एसपीएफ (sun protection factor) सनस्क्रीन की। सनस्क्रीन खरीदते समय एसपीएफ (SPF) पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। एसपीएफ सूर्य की किरणों से बचाव का एक मानक शब्द है। यह एक रेटिंग फैक्टर है जो बताता है कि कोई सनस्क्रीन या सनब्लॉक आपको किस स्तर तक बचाव देता है।
जैसे अगर किसी को एक घंटा धूप में रहने से सनबर्न होता है तो एसपीएफ 15 उसे 15 घंटे धूप में रहने की आजादी देगा, मतलब सनबर्न होने में 15 गुना ज्यादा समय लगेगा। मगर ऐसा तभी हो सकता है जब इन पूरे 15 घंटों में धूप का असर एक जैसा हो। आपको बताते चलें कि सन क्रीम का इस्तेमाल हमारी त्वचा के प्रोटेक्शन के लिए बेहद जरूरी है। सूर्य की सीधी आने वाली किरणे हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक है। इससे आपको सन बर्न, रेसेज, सन टैन के साथ-साथ त्वचा कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से तक जूझना पड़ सकता है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल बच्चे बूढ़े जवान सभी के लिए जरुरी है। इसके इस्तेमाल से हमारी स्किन डल, ड्राई और डैमेज होने से बच जाती है।

अगर आप आने वाली गर्मियों में अपने लिए एक बेहतर क्वालिटी की सनक्रीम की तलाश कर रही हैं तो यहां बात आपके फायदे की ही हो रही है। गृहलक्ष्मी आपके लिए डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड और क्लिनिकल प्रूवेन इंग्रेडिएन्ट्स युक्त सन क्रीम के बारे में हर तरह की जानकारी दे रही है। ये सब अल्ट्रा- लाइट और नॉन- शाइनी फिनिश वाले हैं, जो स्किन को सॉफ्ट और स्मूद रखते हैं। साथ ही वॉटर प्रूफ, स्वेट प्रूफ, ऑयल फ्री और नॉन- कोमेडोजेनिक लोशन हैं।
Sun Tan: आपको बता दें की सनस्क्रीम खरीदते वक्त आपको किन किन बातों का ध्यान देना है वो इस प्रकार हैं:
1.जब भी आप सनक्रिम खरीदे ध्यान दे की वो कम से कम एसपीएफ 30 से कम न हो वरना वो आपकी स्किन पर काम नही करेगा।
2.आपको ध्यान देना होगा की अपने जो सनक्रीम खरीदी है उसमें UVA और UVB से प्रोटेक्शन का मेंशन किया हो।
3.आपको इस बात का ख़ास तौर से खयाल रहे की आपका सनस्क्रीन आपकी स्किन को शूट करता हो जैसे आपकी त्वचा ऑयली, ड्राई, या नॉर्मल है। उसी के अधार पर आपको सनस्क्रीन खरीदना चाहिए।
4.आपको ऑन लाइन शॉपिंग करना अच्छा विकल्प सिद्ध हो सकता है क्योंकी कई बार मार्केट में नकली और एक्सपायरी प्रोडक्ट भी निकल सकते हैं।
बात जब भी खूबसूरती की आती है तो स्त्री हो या पुरुष मानव जीवन में सौंदर्य का महत्व किसी के लिए भी कम नहीं है। वर्तमान समाज में देखा जाय तो लोग प्रायः बाहरी सुंदरता को ही महत्व देते हैं, यहाँ हमारे कहने का अर्थ त्वचा एवं चेहरे की सुंदरता से हैं। गर्मी का मौसम हो या सर्दी का लोग स्किन प्रोटेक्शन के उपायों को बेसब्री से खोजते हैं। यूं तो मार्केट में कई तरह के सनक्रीम के प्रोडक्ट आपको आसानी से मिल जायेंगे जिनमे से कुछ बेहतर प्रोडक्ट इस प्रकार हैं:- ममा अर्थ, लोटस, लक्मे, निव्या, अल्ट्रा शीर इत्यादि।
अगर आप मार्केट के प्रोडक्ट का इस्तेमाल नही करना चाहती हैं, तो आप घर पर ही कुछ इंग्रेडियनस का प्रयोग करके सनक्रीम बना सकती हैं। दो चमच एलोवेरा जेल में ऑलिव ऑयल को अच्छी तरह मिलाकर आप एक एयरप्रूफ जार में स्टोर करके रख सकती हैं।

आपको फिर बता दूं कई बार आप सनक्रीम का इस्तेमाल करने के बाद भी आप ख़ुद की त्वचा को प्रोटेक्ट नहीं कर पाती हैं तो आखिर ऐसा क्यों होता है? दरअसल आप कई बार कुछ छोटी बड़ी मिस्टेक्स कर देती हैं जिनके परिणामस्वरूप आपको सनटैन सनबर्न का सामना करना पड़ सकता है।
1. कई बार आप सिर्फ़ धूप में जाने से पहले ही सनक्रीम का इस्तेमाल करती हैं जबकि टैनिंग का खतरा घर पर भी बना रहता है।
2.कुछ लोग सन्सक्रीम का इस्तेमाल दिन में एक बार ही करते है जबकि उसका प्रभाव मात्र 3 से 4 घंटे तक ही रहता है।
3.आपकी खूबसूरती को कम करने में कई बार सनक्रीम का रेगुलर इस्तेमाल न करना भी जिम्मेदार है।
4.कुछ लोग सन्सक्रीम का इस्तेमाल केवल अपने चेहरे में ही करते हैं, जो की पर्याप्त नही, आपकी खूबसूरती सिर्फ़ आपके चेहरा में ही नहीं बल्कि पूरी बॉडी से हैं।

हमारी बात इतने से ही नहीं खत्म होती है। कई बार सनस्क्रीन की जरुरत को पुरुष नज़रंदाज़ कर देते हैं। दरअसल उन्हें लगता है की उनको इस तरह की स्किन केयर प्रोडक्ट की जरुरत ही नही है। हमें गोरा और सुंदर दिखने की क्या जरुरत है? हमारे लिए तो क्रीम और फेसवॉश ही बहुत है हमको सनक्रीम की क्या जरुरत? ये कुछ ऐसे तर्क हैं जो आमतौर पर भारतीय पुरुष सनस्क्रीन के इस्तेमाल से बचने के लिए देते हैं। ये तर्क इसीलिए दिए जाते हैं क्योंकि, आपको सनस्क्रीन सिर्फ फैशन या गोरा रंग पाने वाली क्रीम जैसा ही लगता होगा।
असल में ऐसा नहीं है। भारतीय पुरुषों के लिए भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना उतना ही जरूरी है जितना की महिलाओ के लिए। क्योंकि, भारत एक ट्रॉपिकल देश है, यहां सूरज की किरणें सीधी और तेज पड़ती है, इन सबके बावजूद प्रदूषण का स्तर भी अधिक है। तेज धूप के कारण आपको भी सन बर्न के अलावा स्किन पिग्मेंटेशन, त्वचा का कैंसर/स्किन कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा हो सकता है। सनस्क्रीन आपको इस खतरे से बखूबी बचाता है।
