Summary: कोंकण की मशहूर अम्बोली रेसिपी: हर बाइट में घर का स्वाद
अम्बोली महाराष्ट्र का एक पारंपरिक और बेहद नरम पैनकेक है जिसे चावल-दाल के खमीर उठे घोल से बनाया जाता है। इसका स्वाद नाश्ते, त्योहारों और खास मौकों पर दिल जीतने वाला होता है।
Maharashtrian Amboli Recipe: आज हम महाराष्ट्र की एक बहुत ही स्वादिष्ट और पारंपरिक डिश, गरमा गरम अम्बोली बनाने जा रहे हैं। अम्बोली एक प्रकार का पैनकेक है, जो डोसे जैसा दिखता है लेकिन इसका स्वाद और बनावट थोड़ी अलग होती है। यह महाराष्ट्र में नाश्ते के लिए बहुत पसंद किया जाता है और इसे अक्सर नारियल की चटनी, आलू की भाजी या किसी भी तीखी ग्रेवी वाली सब्ज़ी के साथ खाया जाता है। इसे बनाना बहुत आसान है, बस थोड़ा समय चाहिए होता है क्योंकि इसके घोल को खमीर उठने के लिए छोड़ना पड़ता है। लेकिन मेरा विश्वास करो, यह इंतजार पूरी तरह से इसके लायक है!
अम्बोली की कहानी
अम्बोली सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा का एक हिस्सा है। यह महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां चावल और नारियल का भरपूर इस्तेमाल होता है। अम्बोली शब्द मराठी भाषा से आया है, और इसका मतलब होता है एक मोटा और नरम पैनकेक। पुराने समय में, घरों में महिलाएं सुबह जल्दी उठकर ताजे घोल से अम्बोली बनाती थीं, और इसका गरम-गरम स्वाद पूरे घर में फैल जाता था। यह एक ऐसा पकवान है जो पीढ़ियों से बनता आ रहा है, और आज भी इसे उसी प्यार और उत्साह के साथ बनाया जाता है। यह अक्सर त्योहारों और विशेष अवसरों पर भी बनाया जाता है, और इसका स्वाद हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ले आता है। यह एक आरामदायक भोजन है जो आपको घर जैसा महसूस कराता है।

Maharashtrian Amboli Recipe
Ingredients
Method
- सबसे पहले, हमें चावल और दाल को अच्छी तरह से धोना होगा। एक बड़े कटोरे में उबले हुए चावल और नियमित चावल को एक साथ डालें। उन्हें 3-4 बार पानी से धोएं जब तक कि पानी साफ न दिखने लगे।दूसरे कटोरे में उड़द दाल और चना दाल को एक साथ डालें। इसमें मेथी दाना भी मिला लें। दाल और मेथी दाना को भी 3-4 बार पानी से धो लें।अब, दोनों कटोरों में पर्याप्त पानी डालकर इन्हें कम से कम 6-8 घंटे के लिए या रात भर भिगोने के लिए छोड़ दें। इससे चावल और दाल नरम हो जाएंगे और पीसने में आसानी होगी। भिगोने से खमीर उठने की प्रक्रिया में भी मदद मिलती है।

- जब चावल और दाल अच्छी तरह से भीग जाएं, तो उन्हें पानी से निकाल लें। पानी फेंक दें। अब हम इन्हें पीसेंगे।पहले दाल और मेथी दाना को मिक्सर ग्राइंडर में डालें। इसमें थोड़ा पानी डालें (लगभग ¼ कप) और एक चिकना पेस्ट बनने तक पीस लें। कोशिश करें कि बहुत ज्यादा पानी न डालें, हमें एक गाढ़ा घोल चाहिए। पीसते समय बीच-बीच में रुक कर किनारों को खुरचते रहें ताकि सब कुछ अच्छी तरह से पीस जाए। दाल का पेस्ट तैयार होने के बाद इसे एक बड़े गहरे बर्तन में निकाल लें।अब मिक्सर ग्राइंडर में भिगोए हुए चावल डालें। इसमें भी थोड़ा पानी डालें (लगभग ½ कप) और इसे भी चिकना होने तक पीस लें। चावल को दाल से थोड़ा मोटा पीसा जा सकता है, लेकिन यह बहुत दानेदार नहीं होना चाहिए। चावल का पेस्ट तैयार होने के बाद इसे दाल वाले बर्तन में ही मिला दें।याद रखें, घोल की स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है। यह बहुत पतला नहीं होना चाहिए, नहीं तो अम्बोली बनाना मुश्किल होगा। यह डोसे के घोल से थोड़ा गाढ़ा होगा।

- अब पीसे हुए चावल और दाल के घोल को एक साथ अच्छी तरह मिला लें। आप अपने हाथों का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि यह खमीर उठने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद करता है (आपके हाथों की गर्मी और बैक्टीरिया)। घोल को कम से कम 5-7 मिनट तक अच्छी तरह फेंटें ताकि उसमें हवा भर जाए। इससे अम्बोली नरम और फूली हुई बनेगी।अब इस घोल में नमक मिलाएं और एक बार फिर अच्छी तरह मिला लें। अब इस बर्तन को एक ढक्कन से ढक दें और इसे किसी गर्म जगह पर 8-12 घंटे के लिए या रात भर खमीर उठने के लिए छोड़ दें। सर्दियों में इसमें ज्यादा समय लग सकता है, और गर्मियों में कम।खमीर उठने के बाद, घोल की मात्रा दोगुनी हो जाएगी और उसमें हल्की खट्टी गंध आएगी। इसमें छोटे-छोटे बुलबुले भी दिखाई देंगे। यह संकेत है कि आपका घोल अम्बोली बनाने के लिए तैयार है!

- अब जब आपका घोल तैयार है, तो अम्बोली बनाने का समय आ गया है!एक नॉन-स्टिक तवा या लोहे का तवा गरम करें। जब तवा गरम हो जाए, तो आंच को मध्यम कर दें। तवे पर थोड़ा सा तेल या घी डालें और एक साफ कपड़े या प्याज के आधे टुकड़े से इसे पोंछ लें। यह अम्बोली को चिपकने से रोकेगा।एक बड़ा चम्मच (या कड़छी) घोल लें और इसे गरम तवे के बीच में डालें। घोल को ज्यादा फैलाने की जरूरत नहीं है, अम्बोली डोसे जितनी पतली नहीं होती। इसे थोड़ा मोटा ही रहने दें। आप चाहें तो चम्मच के पिछले हिस्से से हल्के हाथों से थोड़ा फैला सकते हैं, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।तवे को ढक्कन से ढक दें और अम्बोली को मध्यम आंच पर 2-3 मिनट तक पकने दें। ढक्कन लगाने से अम्बोली भाप में अच्छी तरह पकती है और नरम बनती है।

- जब अम्बोली एक तरफ से पक जाए (आपको ऊपर की तरफ छोटे-छोटे छेद और सूखे हुए किनारे दिखाई देंगे), तो ढक्कन हटा दें। अम्बोली के किनारों पर और ऊपर थोड़ा सा तेल या घी डालें। अब एक स्पैचुला की मदद से अम्बोली को सावधानी से पलट दें।दूसरी तरफ से भी अम्बोली को 1-2 मिनट तक सुनहरा भूरा होने तक पकने दें। अम्बोली बहुत ज्यादा कुरकुरी नहीं होती है, यह नरम और थोड़ी फूली हुई होती है।जब अम्बोली दोनों तरफ से अच्छी तरह पक जाए, तो इसे तवे से हटाकर एक प्लेट में निकाल लें। इसी तरह बाकी घोल से भी अम्बोली बनाते रहें।आपकी गरमा गरम महाराष्ट्रियन अम्बोली तैयार है!






