Summary: रिश्तों में काउंसलिंग का महत्व
सेक्सुअल काउंसलिंग डरने की नहीं, समझदारी की बात है, जो कपल्स को मानसिक संतुलन और बेहतर संबंध बनाने में मदद करती है।
Sexual Counseling Relationship: किसी भी रिश्ते में यौन संबंध के अच्छा होने का बहुत ही अहम रोल है। रिश्ते में सेक्स का होना सिर्फ शारीरिक जरूरत नहीं बल्कि भावनात्मक जरूरत भी है। लेकिन आज भी बहुत से कपल्स सेक्स के बारे में या रिश्ते में सेक्स के कारण आ रही परेशानियों को अनदेखा करते हैं। आज भी बहुत से लोगों को लगता है सेक्स के बारे में खुलकर बात करना व्यक्ति के लस्ट को दिखाता है पर क्या सच में ऐसा है और क्या सेक्सुअल काउंसलिंग से डरने का यह भी एक कारण हो सकता है। आइए इस लेख में जानते हैं क्यों कपल्स अपनी सेक्स से जुड़ी परेशानियों को छुपाते हैं और क्यों वह सेक्सुअल काउंसलर की मदद नहीं लेना चाहते।
सेक्सुअल काउंसलिंग से क्यों डरते हैं?

सामाजिक नजरिया: आज भी ज्यादातर लोग काउंसलिंग को मानसिक बीमारी से जोड़कर देखते हैं। उन्हें लगता है, अगर हम काउंसलर के पास जाएंगे तो लोग हमें बीमार कहेंगे और कहीं पता चला कि हम सेक्स काउंसलर के पास जाते हैं तो हमारे संस्कारों पर भी सवाल उठाए जाएंगे।
डर: बहुत से कपल्स सोचते हैं अगर वह काउंसलर को अपनी बात बताएंगे तो काउंसलर उनके बारे में क्या सोचेगा कहीं पीठ पीछे उनका मजाक तो नहीं बनाएगा।
बातों से क्या होगा: बहुत से लोगों का कहना है बात करने से कौन सी परेशानी कम होगी अगर बात ही करना है तो काउंसलर की क्या जरूरत है।
रिश्ते टूटने का डर: बहुत से कपल्स सोचते हैं कहीं हम काउंसलिंग के समय कुछ ऐसा ना बता दे या कह दे कि हमारा रिश्ता टूट जाए।
खुद पर सवाल: कई लोग अपने मर्दानगी या स्त्रीत्व पर सवाल उठने से डरते हैं उन्हें लगता है कि उनके कमियों का पता चलना उनके चरित्र के लिए खतरनाक है।
सेक्सुअल काउंसलर कैसे करते हैं कपल्स की मदद
सेफ और नॉन जजमेंटल स्पेस देना: लोगों की सबसे बड़ी परेशानी होती है कि वह अपने सेक्स प्रॉब्लम को बताने में शर्म महसूस करते हैं।
सेक्स काउंसलर कपल्स के लिए बातों और अपने बर्ताव से ऐसा माहौल तैयार करते हैं जिसमें वह सुरक्षित महसूस करते हैं और बिना किसी शर्म या डर के अपनी परेशानी बता पाते हैं।
समस्या के तह तक जाना: काउंसलर कपल्स से हर एक बात डिटेल में पूछते हैं और ध्यान से सुनते हैं इस दौरान काउंसलर यह जानने की कोशिश करते हैं की परेशानी फिजिकल है या इमोशनल।
बात करने का तरीका: अक्सर कपल्स एक दूसरे की परेशानी समझने की बजाए एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं। काउंसलर कपल्स को सीखते हैं कैसे एक दूसरे को ब्लेम किए बिना अपनी परेशानी बता सकते हैं या बात कर सकते हैं।
गलत धारणाएं तोड़ना: समाज में इस तरह की धारणा प्रचलित है सेक्स पुरुषों को ज्यादा चाहिए या इसकी शुरुआत पुरुष करेंगे, महिला सेक्स के प्रति कम इच्छा रखती है, इस तरह की धारणा को काउंसलर सही तर्क और वैज्ञानिक जानकारी के साथ खत्म करते हैं।
सेक्स एजुकेशन देना: कई बार कपल्स के बीच परेशानी का कारण सेक्स के दौरान एक दूसरे के ऑर्गेज्म का ख्याल ना रखना होता है। इसकी वजह एक दूसरे के शरीर को ना समझना हो सकता है। काउंसलर इस चीज में कपल्स की मदद करते हैं उन्हें उनके शरीर बनावट और जरूरत के बारे में बताते हैं और वह किस तरह अपने सेक्स को प्लेजर फूल बना सकते हैं इसकी जानकारी भी देते हैं।
भावनात्मक जुड़ाव: काउंसलर कपल्स की सिर्फ फिजिकल जुड़ाव को नहीं सुधारते बल्कि उनके भावनात्मक जुड़ाव को सुधारने में भी मदद करते हैं।
कपल्स के लिए सलाह
अपने सेक्सुअल हेल्थ को भी हेल्थ का हिस्सा समझे। जब आपके किसी अंग में परेशानी होती है तो आप उसका इलाज तुरंत करवाते हैं इस तरह सेक्सुअल हेल्थ का इलाज भी तुरंत जरूरी है। शर्म से आपकी परेशानी कम नहीं हो सकती बल्कि इसके लिए सही काउंसलर की जरूरत है। आप डर की बजाए समझदारी दिखाएं और मदद लें।
