उम्र के हिसाब से बच्चों को दें खेलने के लिए ये खिलौने

बच्चों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से सही खिलोनों का चयन करना भी आना चाहिए, क्योंकि 5 साल तक बच्चों का दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है।

Toys for 3 to 5 years old kids: खिलौनों का शौक तो हर बच्चे को होता है, इसलिए पेरेंट्स उन्हें अच्छे से अच्छे खिलौने देना चाहते हैं। लेकिन, सिर्फ महंगे खिलौने देना ही सब कुछ नहीं हैं। आपको बच्चों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से सही खिलौनों का चयन करना भी आना चाहिए, क्योंकि 5 साल तक बच्चों का दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है। ऐसे में आप उनके लिए ऐसे खिलौने चुनें, जिससे उनका मनोरंजन भी हो और साथ में उनके दिमाग का विकास भी हो। चलिए हम आपको बताते हैं कि इस उम्र के बच्चों के लिए कौन से टॉयज बेस्ट रहेंगे।

बिल्डिंग ब्लॉक्स

तीन से पांच साल के बच्चों के लिए ब्लॉक्स सबसे परफेक्ट खिलौनों में से एक हैं। इससे बच्चों को उनके मोटर स्किल्स, हाथ-आँख समन्वय और तर्क विकसित करने में मदद मिलती है। ये ब्लॉक्स वुड या प्लास्टिक के हो सकते हैं। इसमें बच्चे लंबे समय तक एंगेज भी रहते हैं और उनका मेन्टल डेवलपमेंट भी अच्छा होता है। इनसे बच्चे तरह-तरह के शेप बना सकते हैं जिससे उनमें इमेजिनेशन पॉवर बढ़ती है। इससे उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल भी बढ़ती है। एक के ऊपर एक ब्लॉक्स लगाने से बच्चों की बैलेंसिंग अच्छी होती है। बच्चों की पसंद के हिसाब से तरह-तरह के ब्लॉक्स ले सकते हैं।

मैग्नेटिक अल्फाबेट्स

इस उम्र के बच्चों के लिए मैग्नेटिक अल्फाबेट्स भी बहुत अच्छे खिलौनों में से एक हो सकते हैं। इससे बच्चों को अंग्रेज़ी, हिंदी के अल्फाबेट्स की समझ विकसित होती है और इसके अलावा उन्हें नंबरों का भी ज्ञान अच्छा हो सकता है। बाज़ार में कई तरह के मैग्नेटिक टॉयज उपलब्ध हैं। आप बच्चों के लिए इन्हें ले सकते हैं। इनके साथ बोर्ड भी रहता है जिस पर वो इन अक्षरों को चिपका सकते हैं।

पज़ल गेम

पांच साल की उम्र तक के बच्चों के टॉयज कलेक्शन में पज़ल गेम ज़रूर शामिल करना चाहिए। इससे बच्‍चे का आई क्‍यू लेवल और मोटर स्किल दोनों ही बेहतर होते हैं। इससे बच्चों की एकाग्रता तो बढती ही है, उनका आँख और हाथों का समन्वय भी बेहतर होता है। पज़ल में छोटी मांसपेशियों को सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होता है, जिससे उनकी कसरत होती है और वे मजबूत बनती हैं। पज़ल के बड़े और छोटे टुकड़े, मोड़, सर्कल आदि को सही तरीके से सेट करने में इन्‍हीं मांसपेशियों का इस्‍तेमाल होता है।

प्ले मेट

प्ले मेट बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए यह बहुत ही अच्छा ऑप्शन है। ये बहुत ही सॉफ्ट रहते हैं, जिससे बच्चों को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। इससे बच्चों की लर्निंग काफी अच्छी होती है। इसमें बच्चे काफी देर तक व्यस्त रहते हैं, जिससे उनकी एक जगह बैठने की आदत भी बनती है।

अगर आपका बच्चा भी 5 साल तक का है, तो आप उसके टॉय कलेक्शन में इन खिलौनों को जरूर शामिल करें।

अभिलाषा सक्सेना चक्रवर्ती पिछले 15 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दक्षता रखने वाली अभिलाषा ने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल से की थी। डीएनए, नईदुनिया, फर्स्ट इंडिया,...

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