सनातन धर्म में जीव जन्तुओं के साथ पेड़ पौधों को भी खासा महत्व दिया गया है। यहां पौधो की पूजा करने का प्रचलन है, जैसा कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है और इस दिन आंवले की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से लंबी आयु, सौन्दर्य और अच्छे स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं कि कैसे आप आंवले के प्रयोग से लाभ पा सकते हैं।
आंवले का पौराणिक महत्व
आंवले को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस फल का मूल्य रत्नों के समान होता है। दरअसल, मान्यता है कि शंकराचार्य ने इस फल को स्वर्ण में परिवर्तित कर दिया था। ऐसे में इस फल को बेशकीमति माना गया है। वैसे अगर वैज्ञानिक और व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो भी ये फल बेहद उपयोगी है।
आंवले के उपाय
- बुधवार के दिन भगवान विषणु को आंवला अर्पित करने से धन की कमी दूर होती है।
- आंवले के वृक्ष के नीचे सोने या बैठने से गंभीर से गंभीर बीमारियां दूर होती हैं।
- आंवले का फल दान करने मानसिक चिंताएं और तनाव दूर होता हैं।
- आंवले के फल के सामने रख कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से पैसो की किल्लत दूर होती है
- अगर लंबे समय से किसी कर्ज से परेशान हैं, तो घर में आंवले का पौधा लगाएं और उसमें रोज सुबह जल दें।
