बुरी नजर से तो सभी परिचित हैं। इससे स्वस्थ बालक या व्यक्ति तो क्या, पशु तक अस्वस्थ हो जाता है। बालक रोता रहता है। चिड़चिड़ा हो जाता है। बड़े व्यक्ति को पाचन विकार व अग्निमाद्य हो जाता है। गाय, भैंस दूध देना कम कर देती है या देती ही नहीं है। इसके लिए हम जो नीचे कुदृष्टि दूर करने का उपाय लिख रहे हैं। जोकि आपके भी काम आएगा।

उपाय –

1. नमक, राई, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के उपर सात बार घुमाने से बुरी नजर का दोष मिटता है।

2. छोटे बच्चों को आंखों में काजल लगाकर माथे पर भी काजल का ही टीका लगा देते हैं। इससे बालक को बुरी नजर नहीं लगती। बड़े बच्चों को भी मां-बहनें विशेषकर नवरात्रों के दिनों में टिका लगाती हैं।

3. भवन निर्माण के समय भवन के उपर तथा लौकी आदि साग-सब्जी की खेती में भी डंडे के सहारे एक हांडी के बाहरी भाग को काजल से पोतकर उस पर चूना व सिन्दूर का टीका लगाकर अथवा राक्षस का मुंह बनाकर टांग देने से भवन निर्माण में अथवा सब्जी की खेती आदि में नजर नहीं लगती।

4. भूत-प्रेत व नजर से बचाने के लिए बच्चों के गले में काले रंग के धागे में रूद्राक्ष, घुुंगुची, चांदी का चंद्रमा, तांबे का सूर्य, शेर का नाखून आदि की माला गले में तथा हाथ की कलाई व कमर में काले उन का धागा पहनते हैं।

5. शनिवार के दिन हनुमान मन्दिर में प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर सिंदूर लगाकर नजर लगे हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव दूर होता है।

6. खाने के समय भी किसी व्यक्ति की बुरी नजर लग जाती है, तो ऐसे में इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होते देखा गया है।

7. गांवों में ऐसा भी हमने कई एक को करते देखा है कि रविवार या शनिवार के दिन नजर लगे व्यक्ति के उपर से तीन बार दूध उतारकर एक मिट्टी के बर्तन में रखकर कुत्तों के आगे डाल दिया जाता है।

8. छोटे बच्चों को नजर न लगे अतः इसके लिए हाथ में चुटकी भर राख लेकर बृहस्पतिवार के दिन ‘ॐ चैतन्य गोरक्षनाथ नमः’ मन्त्र का 108 बार जाप करते हैं फिर छोटी सी पुड़िया में डालकर काले रेशमी धागे से बच्चे के गले में बांधने से बुरी नजर नहीं लगती।

9. यदि किसी बच्चे नजर लगी हो और यह निश्चित विश्वास हो कि अमुक स्त्री या पुरूष की नजर उस पर लगी है तो उस स्त्री या पुरूष को घर पर प्रेम से ही से बुलाकर सिर पर उसका हाथ फेरवाने से लाभ होता है।

10. बच्चे पर नजर लगने से हाथ में रक्षा सूत्र लेकर इस मन्त्र को सात बार पढ़कर रक्षा सूत्र पर फूंक मारकर पढ़ें-

ॐ नमो हनुमंता, ब्रिज का कोठा, जिसमें पिण्ड हमारा बैठा।
ईश्वर कुन्जी ब्रह्मा वाला, इस घट पिण्ड का यति हनुमन्त रखवाला।

11. भोजन में नजर लगने पर तैयार भोजन में प्रत्येक में से थोड़ा -थोड़ा एक पत्ते पर लेकर उस पर गुलाल छिड़क कर रास्ते रख देते हैं फिर बाद में सभी खाना खांए। नजर ठीक हो जाती है।

12. बालक की अल्प आयु में ही मां को उसकी दीर्घायु होने की कामना हेतु अपने बाएं हाथ पर अश्वत्थामा, हनुमान आदि चिंरजीवी ऋषि-महऋर्षियों, देवी-देवताओं के नाम अष्टमी तिथि में खुदवाना चाहिए।

13. गोबर के बनाए गए छोटे दीये में गुड़ का टुकड़ा, तेल और रूई की बत्ती डालकर उसे जलाकर दरवाजे के बीच में रखने से भी बुरी का प्रभाव जाता रहता है।

14. नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पखुंड़ियां भी रखकर अपने इष्टदेव का नाम लेकर खिलाने से बुरी नजर का प्रभाव दूर होता है।

15. यदि नजर आदि की कोई बाहरी बाधा ग्रसित है तो घर के पास के वृक्ष की जड़ में शाम को थोड़ा दूध डालकर अगरबत्ती जलाकर रख दें तो बाहरी बाधा नष्ट होती है।

16. लाल मिर्च, अजवायन और पीली सरसों को एक मिट्टी के छोटे बर्तन में आग लेकर उसमें जलाते हैं। इसका धुंआ नजर लगे बच्चे को तपाते हैं तो बच्चों को रोना, छरियाना आदि सब बुरी नजर का प्रभाव ठीक हो जाता है।

 

(साभार – शशिकांत सदैव, साधना पथ)

 

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