Chandraghanta Mata: चैत्र नवरात्रि का महापर्व शुरू हो चुका है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां जगदंबा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने का विधान है। देवी चंद्रघंटा मां दुर्गा का ही एक स्वरूप है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि मां चंद्रघंटा की पूजा और आराधना करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी भक्त मां चंद्रघंटा की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शास्त्रों में मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का भी उल्लेख मिलता है। ऐसे में आज हम आपको ऐसे ही विशेष मंत्र के बारे में बताएंगे जिसके जाप से आप देवी चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Chandraghanta Mata: त्रिदेवों की शक्तियां

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, जब सृष्टि में राक्षसों का आतंक बढ़ गया और मनुष्यों के साथ देवी देवता भी संकट में आ गए थे, तब मां जगदंबा ने चंद्रघंटा के रूप में अवतार लिया और राक्षसों का संहार किया। ऐसा माना जाता है कि देवी चंद्रघंटा में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवों की शक्तियां समाहित हैं। मां चंद्रघंटा के हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष व गदा धारण रहते हैं। वहीं, देवी के माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान रहता है, जिस कारण देवी को चंद्रघंटा कहते हैं। मां दुर्गा का यह रूप सौम्य व शांत है।
देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। इसके बाद पूजा की चौकी पर मां चंद्रघटा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर मां देवी का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक जलाएं। माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प, केला, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। प्रसाद में देवी को फल व केसर दूध से बने व्यंजन का भोग लगाएं। आप केसर से बनी खीर का भी भोग लगा सकते हैं। इसके बाद मां चंद्रघंटा की आरती के साथ पूजा संपन्न करें। अंत में किसी भी गलती के लिए देवी मां से क्षमा याचना करें।
देवी चंद्रघंटा के मंत्र

धार्मिक शास्त्रों में मां चंद्रघंटा के चमत्कारी व प्रभावी मंत्रों के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा अर्चना के समय इन मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ व प्रभावकारी होता है। इन मंत्रों के जाप से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि व वैभव की प्राप्ति होती है। इन मंत्रों को सच्ची श्रद्धा के साथ जाप करना चाहिए।
मंत्र-
महामंत्र- ‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘
मंत्र- ॐ एं ह्रीं क्लीं
बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’
उपासना मंत्र- पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
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